Advertisement

बीएड याचियों की कमर तोड़ने के लिए एक अचूक और कारगर रणनीति तैयार

17 नवम्बर की सुनवाई के बाद बीएड याचियों की यायाचिकाओं पर 23, 28, नवम्बर और फिर 7 दिसम्बर फिर 9 जनवरी को सुनवाइयां हुईं।
बड़ा सवाल है ये सुनवाइयों को क्यों स्वीकार किया गया।
*जबकि ये सर्वविदित है कि टेट 2011 का प्रमाण पत्र 14 नवम्बर को रद्दी हो चूका है। फिर भी टेट 2011 के अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई, आखिर क्यों और कैसे?*
सीधा और सरल जवाब है कि कोर्ट उन्हें शिक्षामित्रों के विकल्प के रूप में देख रहा है। *शिक्षामित्रों को यदि हटाना पड़े तो उनके स्थान पर किस की नियुक्ति हो?*
वर्ना क्या कारण है कि 72825 भर्ती पूर्ण हो जाने के बाद भी बीएड टेट 2011धारकों की याचिकाओं पर सुनवाइयां हो रही हैं?
*मिशन सुप्रीम कोर्ट की विधिक कार्यकारिणी नवम्बर माह से ही इस पर मंथन करती रही है और अपनी रणनीति तय कर चुकी है। मिशन द्वारा बीएड याचियों की कमर तोड़ने के लिए एक अचूक और कारगर रणनीति तैयार कर उसे आगे बढ़ा दिया है।*
मिशन द्वारा जल्दी ही इसका खुलासा किया जायेगा।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news