फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई में उलझा शिक्षा विभाग

अमर उजाला ब्यूरो/ हाथरस। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों से शिक्षक की नौकरी पाने के अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं।
इन मामलों में विभाग को अधिकारियों की सत्यापन रिपोर्ट भी मिल चुकी है, जिनमें साफ तौर पर खंड शिक्षा अधिकारी ने फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों की बर्खास्तगी की संस्तुति की है, लेकिन अभी तक विभाग कार्रवाई पर अंतिम निर्णय नहीं ले सका है, जिससे विभागीय हलकों में सवाल उठ रहे हैं।
विभाग में एक शिक्षक खुद को एक शिक्षिका का फर्जी तरीके से दत्तक पुत्र बताकर मृतकाश्रित में नौकरी कर रहे हैं। इसकी शिकायतों के बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने भी अपनी रिपोर्ट विभाग को पिछले कई माह पूर्व सौंप दी है, जिसमें उक्त शिक्षिका का दत्तक पुत्र होने के दावे को फर्जी बताया गया है। दूसरे मामले में एक उर्दू शिक्षिका के रूप में भर्ती हुई शिक्षिका ने नौकरी हासिल करने के लिए कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर विभाग में नौकरी हासिल कर ली। इस शिक्षिका के जब विभाग ने शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया तो यह फर्जी निकले हैं, लेकिन इस मामले को भी विभाग लंबे समय से लटकाए पड़ा है, जबकि शिक्षिका लगातार विभाग से वेतन भी प्राप्त कर रही है। तीसरे मामले में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने एक शिक्षक के इंटरमीडिएट एवं स्नातक के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। सत्यापन के बाद बोर्ड एवं विश्वविद्यालय ने विधिवत रूप से अपनी रिपोर्ट में इन शैक्षिक प्रमाण पत्रों को असत्य बताया है, लेकिन अभी तक इस मामले में भी विभाग का निर्णय अटका पड़ा है।

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