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अयोग्य व्यक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त: चयन में धांधली की होगी जांच

प्रेट्र : प्रशासकों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर कर जानना चाहा कि क्या आइसीसी की 24 अप्रैल को होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए ऐसे लोगों को नामित किया जा सकता है जिन्हें बीसीसीआइ और राज्य क्रिकेट संघ में किसी भी पद के लिए अयोग्य करार दे दिया गया है।
कोर्ट का रुख सीओए के अनुकूल है, लेकिन इस मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी, जिसमें कोई फैसला होने की उम्मीद है। कोर्ट ने खुद पूछा कि कैसे कोई अयोग्य व्यक्ति बीसीसीआइ का प्रतिनिधित्व कर सकता है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाइ चंद्रचूड़ ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) की इस अर्जी को 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।1समिति ने कहा कि शीर्ष अदालत ने बीसीसीआइ और राज्य संघों में पदाधिकारी बनने की पात्रता के बारे में न्यामयूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति के सुझाव को स्वीकार कर लिया था और इसमें एक शर्त यह भी कि 70 साल से अधिक आयु वाला व्यक्ति इन संस्थाओं में कोई पद नहीं ग्रहण कर सकता है। सीओए की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट सीयू सिंह ने कहा कि क्या एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे व्यक्ति, जो शीर्ष अदालत के निर्णय की वजह से अयोग्य हो चुके हैं, को उनके संबंधित संगठन बीसीसीआइ के नामित व्यक्ति के रूप में आइसीसी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मनोनीत कर सकते हैं।
न्यायालय ने 17 अप्रैल की तारीख निर्धारित करते हुए सवाल किया कि बीसीसीआइ और राज्य संघ के चुनाव लड़ने के अयोग्य बताया गया व्यक्ति कैसे आइसीसी की बैठक में बीसीसीआइ का प्रतिनिधित्व कर सकता है। वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने इस दृष्टिकोण का विरोध करते हुए कहा कि वह इस बिंदु पर बहस के लिए तैयार हैं, क्योंकि न्यायालय का फैसला ऐसे व्यक्तियों को मनोनीत किये जाने पर रोक नहीं लगाता।

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