Breaking Posts

Top Post Ad

शिक्षामित्रों में ऊहापोह बरकरार, शिक्षामित्रों के रोजगार की राह अब आसान नहीं

जासं, प्रतापगढ़ : शीर्ष कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों के रोजगार की राह अब आसान नहीं रह गई है। नौकरी की उम्र सीमा पार कर चुके शिक्षामित्रों को कोर्ट व सरकार की शर्ते पूरी करना अब आसान नहीं होगा। उनमें अपनी नौकरी को लेकर संशय बरकरार है।
वह स्कूल तो जास रहे हैं लेकिन उनका मन बच्चों को पढ़ाने में नहीं लग रहा है। सभी के मन में यही है कि अब उनका भविष्य क्या होगा। नौकरी रहेगी या जाएगी। 1कभी जिले में बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने वाले शिक्षामित्रों को अब अपने ही रोजगार को बचाने के लिए दो परीक्षा टीईटी व खुली भर्ती से गुजरना होगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। जिले में करीब 2900 से अधिक शिक्षामित्रों को सपा शासनकाल में अध्यापक बनाया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती के नियमों पर खरे न उतरने पर सहायक अध्यापक पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया। शर्त रखी कि सरकार यदि चाहे तो उन्हें दो शिक्षक भर्ती तक शिक्षामित्र के रूप में रख सकती है और भर्ती में वेटेज व आयु सीमा में छूट दे सकती है। शीर्ष कोर्ट का फैसला आने के बाद 26 जुलाई से शिक्षामित्र आंदोलन करने करने लगे। आठ दिन आंदोलन चलने के बाद मुख्यमंत्री से वार्ता हुई और 15 दिन का समय लेते हुए उन्होंने अगले आदेश तक पुन: उसी स्कूल में उसी पद पर कार्य करने के लिए कह दिया। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अब शिक्षामित्रों को पहले टीईटी पास करने वे दो भर्तियों को उत्तीर्ण करने की शर्त रखी गयी है। इसे उन्हें नियत समय में पूरा करना होगा। इसके बाद ही शिक्षामित्रों के रोजगार की आस पूरी हो सकेगी। 125 जुलाई के बाद वेतन को लेकर असमंजस : कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा सचिव ने शिक्षामित्रों को 25 जुलाई तक का वेतन देने का आदेश दिया है। इसके बाद के वेतन को लेकर शिक्षामित्रों में असमंजस बरकरार है कि उसके बाद उन्हें कौन सा वेतन मान मिलेगा। 1सरकार के रुख को लेकर शिक्षामित्रों में मायूसी है। सरकार ने अभी तक उनके भविष्य को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री द्वारा दी गई समय सीमा भी बीतने को है। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि 25 जुलाई तक का शिक्षामित्रों को वेतन देने का निर्देश सचिव ने दिया है। शासन का जो भी आदेश होगा उसका पालन कराया जाएगा। 1चुनौती बड़ी और समय कम : सरकार द्वारा नम्बर माह में टीईटी परीक्षा का आयोजन की बात कही गई है। शिक्षामित्र कैसे पढ़ेंगे इसको लेकर भी वे खासे परेशान है। एक तरफ स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दूसरी तरफ रोजगार को लेकर खुद को टीईटी की परीक्षा के लिए तैयार करना होगा वह भी महज दो माह में। चुनौती बड़ी है और समय कम। अब देखना है यह है कि कैसे वह इस चुनौती का सामना कर सकेंगे। 1क्यूंकि आदेशानुसार यदि दो भर्ती के बाद वे इसमें उत्तीर्ण न हुए तो उन्हें शिक्षामित्र पद से भी हाथ धोना पड़ जाएगा। शिक्षामित्रों को आस थी कि शायद उनके रोजगार को लेकर कोई हल निकले लेकिन बीते 10 अगस्त को शासन स्तर पर हुई बैठक में उनके लिए ऐसी राहत न मिल सकी जिससे उनका रोजगार बिना टीईटी के बना रहे। मानदेय का पद भी नियत समय में समाप्त कर दिया जा सकता है। 1अध्यादेश लाए सरकार : रीना : आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की प्रांतीय सचिव एवं जिलाध्यक्ष रीना सिंह ने कहा ढलती उम्र में शिक्षामित्रों के लिए सरकार को चाहिए कि वह अध्यादेश लाकर उनकी नौकरी सुरक्षित करे। ऐसा न होने पर संगठन दिल्ली तक आंदोलन करेगा। 1उधर संयुक्त समायोजित शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र शुक्ल ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook