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सवालों के घेरे में यूनीफार्म की गुणवत्ता, परिषदीय विद्यालयों में नहीं पहुंच पा रही यूनीफार्म शक

जागरण संवाददाता, बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में वितरित की जाने वाली यूनीफार्म की गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल उठने लगे थे। उसकी वजह है कि सियासी लोगों के करीबी ठेकेदार शिक्षा महकमा की साठगांठ से नियम विरुद्ध यूनीफार्म वितरण करने लगे।
मोटी कमाई के चलते और जिम्मेदारों से कमीशनखोरी की वजह से यूनीफार्म की गुणवत्ता की ओर ध्यान नहीं दिया गया। बच्चों को जितनी भी यूनीफार्म मिली वह संदेह के घेरे में है। बात यूनीफार्म की गुणवत्ता पर सवाल उठने की चल रही थी कि इसी बीच शिक्षा महकमे ने प्रदेश भर में पहले स्थान पर वितरित की गई यूनीफार्म का दावा कर दिया। हैरत की बात तो यह है कि शिक्षा महकमे के इन दावों का जिला प्रशासन ने भी समर्थन कर दिया। गुणवत्ता की जांच और कार्रवाई के बजाए उन्हें पुरस्कृत करने का भी खाका तैयार कर लिया। अधिकांश स्कूलों में ड्रेस नहीं पहुंची है, जहां बच्चे या तो पुरानी ड्रेस में आ रहे हैं या फिर अपने निजी कपड़ों में। यह हालात देखने के बाद सिस्टम पर सवालिया निशान लगने लाजिमी हैं। 1संसू, उसावां : परिषदीय स्कूलों में यूनीफार्म वितरण को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन ब्लॉक क्षेत्र की स्थिति बिल्कुल इतर है। शनिवार को विद्यालयों में यूनीफार्म की हकीकत सामने आई। जहां एक ओर विभाग प्रदेश में पहला नंबर पाने की बात कह रहा है। अपनी पीठ थपथपाकर वाहवाही लूटने की कोशिश की जा रही है। तो वहीं हकीकत देखिए कि गांव छोड़ा कस्बे के किसी भी विद्यालय में यूनीफार्म का वितरण नहीं किया। स्वतंत्रता दिवस पर बिना यूनीफार्म के ही विद्यालयों में कार्यक्रम होंगे। कस्बे के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक व दो में किसी भी छात्र-छात्र को यूनीफार्म नहीं मिली। कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय पाठशाला में 71 छात्रएं भी यूनीफार्म से वंचित हैं। अकबरपुर, मंशा नगला व पंचम नगला में भी यूनीफार्म बच्चों की पहुंच से दूर है।परिषदीय विद्यालय में रंग-बिरंगे कपड़े व पिछले सत्र की यूनीफार्म पहने बच्चे ’ जागरण|

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