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बीएड टेट संघर्ष मोर्चा, उत्तर प्रदेश दिसम्बर में बड़े आंदोलन की तैयारी में

वतंत्र प्रभात न्यूज़ फतेहपुर :साहिल गुप्ता-- पिछले 6 सालों से सड़क से लेकर न्यायालय तक दर दर की ठोकरे खाने के बाद भी उत्तर प्रदेश के बीएड टेट 2011 के अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा कोई भी राहत प्रदान नही दी गयी है।
लंबे संघर्ष के दौरान सत्ता में परिवर्तन तो हुआ लेकिन इन अभ्यर्थियों की सुध लेने वाला कोई नही है। जबकि इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दिए गए आदेश में पैरा न0 17 में सरकार को यह कहा गया है कि बिना अंतरिम आदेश पूरा किये कोई नया विज्ञापन नही निकल सकती सरकार और कोर्ट ने 15 वा संशोधन भी बहाल कर दिया है  l
जिसमे सरकार के पास 72825 का नया विज्ञापन भी विकल्प में है जिसके आवेदन 7 दिसम्बर 2012 में लिए गए थे और एक दिन की काउंसलिंग भी हुई थी जिसके बाद कोर्ट का स्टे लग गया था। नए विज्ञपन का लगभग 292 करोड़ रुपया अभी भी सरकार के पास 5 सालो से डंप पड़ा है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि जब बसपा सरकार की सत्ता थी तब उनसे शिक्षक भर्ती के लिए टेट मेरिट से आवेदन लिए गए थे किंतु आवेदन के तुरंत बाद ही चुनाव हो गया जिसमें सपा सरकार बहुमत से सत्ता में आ गयी। सपा सरकार ने बसपा सरकार से की गई भर्तियों को अकारण ही रद्द कर दिया  l
जिससे बीएड टेट अभ्यर्थी कोर्ट में न्याय मांगने चले गए जहाँ इन अभ्यर्थियों को काफी समय लग गया उसी दौरान सपा सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए शिक्षामित्रों को अवैध रूप से शिक्षक पर पर समायोजित कर दिया जिनकी योग्यता भी नही थी उनको शिक्षक पद दे दिया और वो भी तब जबकि उत्तर प्रदेश में योग्य बीएड टेट बहुत संख्या में मौजूद थे। ये अभ्यर्थी पुनः कोर्ट गए और इन्होंने कोर्ट से न्याय मांगा जिसमे कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों की दलीलें सछि मानी और शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया साथ ही साथ सरकार को आदेशित किया कि उत्तर प्रदेश में जितने भी शिक्षकों के रिक्त पद है उनको जल्द से जल्द योग्य लोगो से भरा जाए। अभ्यर्थियों ने ये भी बताया कि शिक्षक की योग्यता के लिए टेट की योग्यता लेना जरूरी है जिसे उन्होंने 2011 में ही उत्तीर्ण कर लिया था जिसकी वैधता 5 वर्ष थी  l
लेकिन सरकार की भेदपूर्ण नीतियों के चलते इन अभ्यर्थियों का ज्यादा समय कोर्ट में ही चला गया और 5 वर्ष की वैधता भी समाप्त हो गयी और कोर्ट का निर्णय 5 साल बाद उनके पक्ष में आया। अब पुनः सत्ता परिवर्तन हो गया है अब बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने बीएड टेट के नियुक्ति के लिए सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाई थी और वादा भी किया था कि उनकी सरकार सता में आते ही सर्वप्रथम बीएड टेट 2011 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति करेगी। किन्तु 8 महीने के बाद भी बीजेपी द्वारा बीएड टेट के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए कोई स्पस्ट बयान नही दिया गया बल्कि केवल आश्वाशन ही दिया जा रहा है जिससे इन अभ्यर्थियों में धैय समाप्त होता जा रहा है।
बीजेपी सरकार द्वारा दिये गए दिसम्बर मध्य तक का आश्वाशन तक ये अभ्यर्थी इंतजार करेंगे और इसके बाद उनका संगठन कोई भी आश्वाशन नही लगा सिर्फ सरकार से अपने नियुक्ति के लिए हां या ना में जवाब लेगा। इसलिए बीएड टेट संघर्ष मोर्चा लखनऊ में एक बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर रही है जिसमे पूरे प्रदेश के बीएड टेट बेरोजगार भारी संख्या में सम्मिलित होंगे और सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे।

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