लखनऊ: अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे विशिष्ट बीटीसी पास
अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। नियुक्ति को लेकर हीलाहवाली
का सरकार पर ठीकरा फोड़ा। प्रदर्शन कर रहे विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों ने
नियुक्ति संबंधी कार्रवाई न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
ईको ग्रीन पार्क में 27 मार्च से धरने पर बैठे विशिष्ट बीटीसी सत्र 2004,
2007 व 2008 के शिक्षकों का रोष मंगलवार को फूट पड़ा। इनका कहना है कि इन
सत्रों में सहायक अध्यापक पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था। जिसमें छह माह
के प्रशिक्षण के बाद प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति
का शासनादेश निर्गत किया गया था। साथ ही प्रशिक्षण से नियुक्ति तक 2500
रुपया प्रतिमाह के मानदेय की व्यवस्था भी थी। विशिष्ट बीटीसी शिव कुमार और
नीतू के मुताबिक उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सभी प्रशिक्षण प्राप्त
विशिष्ट बीटीसी की शासनादेश के अनुसार नियुक्ति हो जानी चाहिए थी। मगर
सरकार ने इस ओर विचार नहीं किया। अनशन पर बैठे शिक्षकों ने सरकार विरोधी
नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान शिव कुमार रजिंदर, साधना तिवारी,
शिप्रा मिश्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
बीएड टीईटी 2011 अभ्यर्थी भी मांग पर अड़े : ईको ग्रीन स्थित धरना स्थल पर
एक ओर विशिष्ट बीटीसी तो वहीं दूसरी ओर बीएड टीईटी 2011 भी अपनी मांगों को
लेकर प्रदर्शन करते रहे। बीएड टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी रामकुमार
ने बताया कि हम सात दिसंबर 2017 से नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मगर शासन से लेकर शिक्षा विभाग तक कहीं सुनवाई नहीं है। संगठन की मांग है
कि बीएड टीईटी 2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियुक्ति की जाए, यदि एनसीटीई
बाधक हैं तो इसके लिए अनुमति ली जाए, सर्वोच्च न्यायालय के 25 जुलाई 2017
के अंतिम आदेश में प्रदान की गई स्वतंत्रता का सही अर्थो में प्रयोग समेत
अन्य मांगें शामिल हैं। बीएड टीईटी 2011 अभ्यर्थियों में मुख्य रूप से
सुनील यादव, अतुल कुमार राय, गीता सिंह, सरिता देवी, शिखा राय समेत तमाम
लोग मौजूद रहे।
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