दो शिक्षकों की स्नातक की डिग्री फर्जी, सेवा समाप्त

आजमगढ़ शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंक फर्जी अंक पत्र के आधार पर नौकरी पाए दो सहायक अध्यापकों की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सेवा समाप्त कर दी है।
दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जनपद में एक के बाद एक शिक्षकों का फर्जीवाड़ा पकड़े जाने ये विभागीय लोग सकते में हैं।

जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है, उनमें प्राथमिक विद्यालय महुवार तहबरपुर पर तैनात शिक्षक लक्ष्मी तिवारी एवं प्राथमिक विद्यालय राजेपुर लालगंज पर तैनात शिक्षक मीना ¨सह शामिल हैं। आरोप है कि वर्ष 2016 की नियुक्ति में इन लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर अध्यापक की नौकरी पा ली थीं। इन लोगों की बकायदा तैनाती भी हो गई। इसके बाद इन लोगों के खिलाफ प्रार्थना पत्र बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दिया गया था कि इन लोगो की स्नातक की डिग्री फर्जी है। इन लोगों ने वर्ष 1997 में संपूर्णानंद महाविद्यालय वाराणसी से शास्त्रीय परीक्षा से स्नातक किया है। इस पर बीएसए ने दोनों शिक्षकों को नोटिस जारी की थी। दो नोटिस जारी करने के बाद भी दोनों शिक्षक उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण नहीं दिए। इस पर विभागीय अधिकारियों को वाराणसी भेजकर बीएसए ने डिग्री की जांच कराई गई तो पता चला कि वहां वर्ष 1997 में अंकपत्र पर दिए गए रोल नंबर पर कोई भी अभ्यर्थी शामिल ही नहीं हुआ था। इस आधार पर बीएसए ने फर्जी डिग्री के आधार पर दोनों अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी।