68500 टीचर भर्ती : कैमरे में चेहरा छुपाते नजर आए अधिकारी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित त्रिस्तरीय जांच टीम इलाहाबाद पहुंची है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में जांच के दौरान अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के दौरान ही अधिकारियों की हालत बयां करती एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रही है। जिसमें सभी अधिकारी अपना चेहरा किसी न किसी तरह से छुपाते हुए नजर आ रहे हैं। कोई मोबाइल से अपना चेहरा ढक रहा है, तो कोई फाइल और हाथ से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रहा है।


गड़बड़ी के आरोप के बाद जांच कमेटी गठित की

गड़बड़ी के आरोप के बाद जांच कमेटी गठित की

याद दिला दें कि 8500 सहायक अध्यापक भर्ती में गड़बड़ी के आरोप के बाद राज्य सरकार ने जांच कमेटी गठित की है। जो इलाहाबाद में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में भर्ती से संबंधित जांच व पूछताछ कर रही है।इसी भर्ती परीक्षा के संबंध में 23 ऐसे अभ्यर्थियों की सूची भी प्राप्त हुई जो अनक्वालिफाइड थे, लेकिन उन्हें परीक्षा में क्वालीफाइड बताया गया। मामला संज्ञान में आने पर इन सभी की नियुक्तियां परिषद के माध्यम से रोक दी गई हैं।

कैमरे में चेहरा छुपाते नजर आए अधिकारी

कैमरे में चेहरा छुपाते नजर आए अधिकारी

परीक्षा नियामक कार्यालय के अंदर अधिकारियों की फोटो को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने हाथों हाथ लिया है और फेसबुक से लेकर वॉट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर यह तस्वीरें धड़ल्ले से पोस्ट की जा रही है । सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस समय यह फोटो वायरल हो चुकी है।

सोशल मीडिया पर वायरल

फोटो के साथ खूब लाइक कमेंट तो हो ही रहे हैं फोटो पोस्ट करने के साथ घोटालों के आरोप से लेकर फोटो में खुद को छुपाने पर भी कमेंट किया जा रहा है। कुछ पोस्ट में तो साफ-साफ इन अधिकारियों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं और अभ्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाला अधिकारी बताया गया है। बता दें कि 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को घोषित हुआ था। सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम में 41,556 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। रिजल्ट निकलने के बाद से ही यह परीक्षा सवालों के घेरे में थी।

फेल हुए अभ्यर्थियों को कर दिया पास

फेल हुए अभ्यर्थियों को कर दिया पास

अधिकारियों ने आरक्षण के नियमों की अनदेखी करते हुए सफल अभ्यर्थियों में से लगभग 6000 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल कुल 23 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। इन 23 में से 20 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और इन्हें जिलों का आवंटन भी हो गया।