शिक्षक भर्ती में गड़बडिय़ों से सरकार की किरकिरी, मुख्यमंत्री नाराज

इलाहाबाद (जेएनएन)। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षकों की भर्ती में कदम-कदम पर उजागर हुईं गड़बडिय़ों के कारण फजीहत का शिकार हुई योगी सरकार इस मामले में दोषी अफसरों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई कर सकती है।
इस प्रकरण में सामने आयीं गड़बडिय़ों में जिन अफसरों, कर्मचारियों या संस्था की भूमिका होगी, उनके नपने का अंदेशा हैं। ऐसे संकेत हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में अपनी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल कर सकते हैं। वहीं भविष्य में होने वाली भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा प्रणाली में पूरी पारदर्शिता के लिए सुधारात्मक बदलाव भी हो सकते हैं।
योगी सरकार के 17 महीने के कार्यकाल में हुई सबसे बड़ी भर्ती पर दाग लगने से जहां सरकार की किरकिरी हुई है, वहीं इसने बैठे-बैठाये विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया है। आरक्षण के मुद्दे पर चयन सूची से बाहर हुए छह हजार अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग का मौका देकर सरकार ने डैमेज कंट्रोल में जो तेजी दिखायी, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम में हुईं गड़बडिय़ों ने उसकी भी हवा निकाल दी। बेसिक शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को मंगलवार को राजधानी में नियुक्ति पत्र बांटने के मौके पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में बरती गई लापरवाहियों पर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी का इजहार किया था।


उसके बाद शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में नहीं बैठने वाले अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित कर देना, 122 अंक की जगह अभ्यर्थी को 22 अंक दे देना और परीक्षा में फेल हुए 23 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित कर देने जैसी गड़बडिय़ों के उजागर होने से जहां सरकार की किरकिरी हुई, वहीं युवाओं में भी गलत संदेश गया है। विपक्षी दलों को भी सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। इस मामले को लेकर गुरुवार को भी शासन में आपाधापी रही, उच्च स्तरीय बैठकें चलीं। संभावना जतायी जा रही है कि दामन पर लगे छींटों को धुलने के लिए सरकार जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है।