शिक्षक भर्ती घोटाले में कार्रवाई से हड़कंप

 जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद जिले स्तर पर भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है। वहीं जिले में हुई नियुक्ति प्रक्रिया व स्कूल आवंटन में धांधली करने का आरोप लगाते हुए जांच की भी मांग की जा रही है।
शासन के निर्देशानुसार एक से चार सितंबर तक शिक्षक भर्ती के लिए काउंसि¨लग करायी गई। इस काउंसि¨लग में कुल 1003 लोगों ने काउंसि¨लग करायी। 993 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। जैसे ही नियुक्ति पत्र बंटा वैसे ही इसमें धांधली के आरोप लगने लगे। सदर विधायक भूपेश चौबे ने भी जिले में हुई नियुक्ति की जांच कराने की बात कही। वहीं भाजपा नेता धर्मवीर तिवारी ने भी महिलाओं व दिव्यांगों को विकल्प देने के नाम पर हुए खेल की जांच की मांग उठायी। सूत्रों की मानें तो नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग के लोग बीएसए दफ्तर के एक लिपिक के घर पर पहुंचकर कार्य किये। ऐसे में सवाल उठाये जा रहे हैं कि आखिर वह कौन सी वजह थी कि विभाग का दफ्तर छोड़कर किसी लिपिक के घर कार्य कराया गया। वह भी उस लिपिक के घर जिसपर कभी गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। विकल्प लेने के बाद भी नहीं दिया स्कूल


शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाये जा रहे हैं कि महिला और दिव्यांग अभ्यर्थियों से तीन-तीन विकल्प मांगा गया। जिन्होंने विकल्प दिया उन्हें भी वह स्कूल नहीं दिया गया। स्कूलों का आवंटन अपने मन से मोटी रकम लेकर की गई। ऐसे में महिला अभ्यर्थियों को भी दूर-दराज के विद्यालय मिल गये।