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यूपी का हाल: बार-बार पेपर लीक, नौकरी के लिए किया प्रदर्शन तो मिली लाठियां

लखनऊ. प्रदेश भर भर्ती परीक्षाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। परीक्षा होने से पहले ही कभी वॉट्सऐप पर तो कभी फेसबुक पर लगतार पेपर वायरल होने के मामले सामने आ रहे हैं तो दूसरी तरफ श्रम मंत्री ने भी स्वीकार किया कि सरकारी महकमों में रोजगार के अवसर घटे हैं।
ऐसे में पूरे सिस्टम पर ही सवाल उठ रहे हैं। परीक्षाओं के बार-बार पेपर लीक हो रहे हैं और भर्तियां विवाद कारण टल रही हैं जिस कारण अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिनो यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में गलत पेपर बंटने का मामला आया चो वहीं शनिवार को यूपीएसएसएससी की नलकूप ऑपरेटर परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला। हर बार सिस्टम की गलतियों का खमियाजा लाखों अभ्यर्थियों को झेलना पड़ रहा है।
-14 मई 2017 को एसएससी मल्टीटास्किंग स्टाफ परीक्षा का पेपर वॉट्सऐप पर लीक, एसटीएफ ने दो को आगरा से गिरफ्तार किया।
-यूपी पुलिस की एसआई भर्ती ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक, एसटीएफ ने 22 अगस्त 2017 को पेपर हैक करने वाले गैंग के सात लोगों को गिरफ्तार किया।
-एसटीएफ ने 10 और 12 नवंबर 2017 को हाई कोर्ट की ग्रुप सी व डी की परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप में 20 लोगों को इलाहाबाद, गोरखपुर व लखनऊ से गिरफ्तार किया।
-28 मार्च 2018 को यूपीपीसीएल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
-17 मार्च 2018 को मेरठ यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस समेत अन्य परीक्षाओं की कॉपियां बाहर से लिखवाने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ।
-पॉलिटेक्निक परीक्षा व सीबीएसई बोर्ड एग्जाम का पेपर भी हाल ही में सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
लगातार कैंसिल हो रही परीक्षा
प्रदेश सरकार के करीब डेढ़ साल के कार्यकाल में अभी तक शुरू हुईं ज्यादातर भर्तियां और परीक्षाएं किसी न किसी विवाद में फंसकर लटक गई हैं। हाल ही में पुलिस विभाग में 526 फॉलोअर और संदेशवाहकों की भर्ती प्रक्रिया गड़बड़ियों की आशंका के कारण रोक दी गई है। इसके अलावा एसआई और जेई भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ। इस कारण दोनों परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ीं। एसआई परीक्षा तो दोबारा हो गई, लेकिन यूपीपीसीएल की परीक्षा लटक गई। इसके अलावा यूपीपीएसीएस की परीक्षा भी अक्टूबर तक टाल दी गई है।
अब शक के दायरे में एजेंसी
नलकूप ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का सोशल मीडिया पर पर्चा वायरल होने के बाद तमाम सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी शक के दायरे में है। इससे पहले अवर अधीनस्थ (सामान्य चयन) की परीक्षा में भी गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं। उसमें भी यही एजेंसी थी, जिस पर नलकूप चालक की परीक्षा का जिम्मा था।एसटीएफ के अनुसार, गिरोह का मुखिया सचिन पेपर लीक करवाने के बाद गोपनीय ढंग से सॉल्व करवाता था। जिन लोगों से सौदा हो जाता था, उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले किसी जगह बुलाकर आंसर रटवाता था। इससे पेपर किसी के हाथ पड़ने का खतरा नहीं होता था।
प्रदर्शन करने पर खदेड़ दिए गए

बीते शनिवार व रविवार को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया जिसके बाद सरकार जागी। 68500 सहायक शिक्षकों की भर्ती से बाहर किए गए सभी 6127 अभ्यर्थियों को जिले आवंटित कर दिए गए हैं। इसके अलावा काउंसिलिंग 4 सितंबर तक कराने का फैसला भी किया गया है। पहले सिर्फ 3 सितंबर तक ही काउंसिलिंग कराने का आदेश दिया गया था। अपर मुख्य सचिव, बेसिक प्रभात कुमार ने Tweet करके इन सभी अभ्यर्थियों को संबंधित जिलों में तत्काल रिपोर्ट करने के लिए कहा है। इससे पहले राजधानी स्थित एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ दिया। पहले कर्मचारियों ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था। बाद में पुलिस भी पहुंच गई थी। दिलाया लेकिन वे नहीं माने। रविवार को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग शुरू हुई तो सैकड़ों अभ्यर्थी निदेशालय पर पहुंच कर नारेबाजी करने लगे।

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