और इस तरह पास अभ्यर्थी हो गया फेल और फेल अभ्यर्थी हुआ पास

बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ियों की जांच तेजी से की जा रही है. जांच में टीम के सामने कई ऐसे तथ्य आए हैं, जिन्हें देखकर वह भी हैरान हैं. सूत्रों की मानें तो भर्ती में गड़बड़ी परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में ही शुरू हो गई थी.

विभागीय सूत्रों की मानें तो शिक्षक भर्ती की कॉपियों का मूल्यांकन करते समय शिक्षकों ने अंक देते समय गड़बड़ी की. किसी ने ठीक से उत्तर नहीं जांचे तो किसी ने कॉपी के अंदर अलग और बाहर अलग अंक दे दिए. इसके बाद रिजल्ट तैयार करने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जब इन अंकों को एजेंसी के पास भेजा तो भी गड़बड़ी हुई. डाटा भेजते समय प्राधिकारी कार्यालय ने अंक चढ़ाने में गड़बड़ी की. किसी के अंक कम कर दिए गए तो किसी के बढ़ गए. इसी तरह अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में उपस्थित दिखाते हुए अंक दे दिए गए.

किसी की कॉपी का पन्ना दूसरे की कॉपी में लग गया


सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कॉपियों के मूल्यांकन के समय उनके कोडिंग और डीकोडिंग में भी गड़बड़ी की गई. असल में हर कॉपी पर एक बारकोड लगाया गया था. कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजते समय कॉपी के ऊपर का एक हिस्सा उसमें से हटा लिया गया, जिससे परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी की पहचान उजागर न हो.


मूल्यांकन के बाद बारकोड वाले हिस्से को जब वापस लगाया गया तो बड़ी गड़बड़ी हुई कि किसी की कॉपी के ऊपर का पन्ना किसी दूसरे की कॉपी में लग गया. इससे पास अभ्यर्थी फेल हो गया तो फेल अभ्यर्थी पास. फिलहाल शासन को जांच टीम की पूरी रिपोर्ट का इंतजार है. हालांकि अधिकारी अभी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं