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शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में गड़बड़ियों का मददगार बना परीक्षा का पैटर्न, जितेंद्र शाही ने कहा है कि इस मामले की विभागीय अफसरों से जांच कराना उचित नहीं

इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा की गड़बड़ियां बढ़ाने में इम्तिहान पैटर्न ने भी अहम भूमिका निभाई है। अफसरों ने इस तरह का खाका खींचा ताकि अभ्यर्थियों की लेखन शैली का पता चल सके। इसका मानवीय मूल्यांकन ही हो सकता था, इसके लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया।
अब परत दर परत खामियां सामने आ रही हैं। यही वजह है कि अगली परीक्षा पुराने पैटर्न की जगह ओएमआर शीट पर कराने की लगभग सहमति बन चुकी है।

बदलते दौर में कुछ अहम परीक्षाओं को छोड़कर अधिकांश ओएमआर शीट पर ही हो रहे हैं। शिक्षक भर्ती की पहली परीक्षा सब्जेक्टिव कराई। तर्क दिया कि शिक्षक सही से प्रार्थना पत्र नहीं लिख पाते हैं। इसमें उनकी लेखन शैली की जांच होगी, लिहाजा विशेष तरह का प्रश्नपत्र जिसका उत्तर एक शब्द से लेकर एक लाइन तक रहा हो बनाया गया। उत्तर लिखने के लिए कॉपी मुहैया कराई गई। परीक्षा किसी तरह सकुशल निपटी तो उत्तर कुंजी पर कई सवाल उठे।

आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा है कि इस मामले की विभागीय अफसरों से जांच कराना उचित नहीं है।

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