राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक
स्कूलों की 72825 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत 12091 अभ्यर्थियों की सुनवाई
शीर्ष कोर्ट में होनी है। इसके लिए परिषद मुख्यालय लगातार जिलों से सूचनाएं
मांगता रहा। कुछ को छोड़कर अधिकांश जिलों ने तय समय में रिपोर्ट ही नहीं
भेजी।
इससे परिषद सचिव ने सभी 18 मंडलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तलब
किया। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि मुख्यालय पर शिक्षक व छात्रों से जुड़े
रिकॉर्ड अपडेट नहीं हैं।
इतना ही नहीं परिषद मुख्यालय को कुछ माह पहले आरटीई 2009 के
मानक के अनुसार शिक्षकों का पदस्थापन करना था। इसके लिए पिछले वर्ष सितंबर
माह की छात्र संख्या की जरूरत पड़ी। यह रिपोर्ट भी जिलों से जैसे-तैसे ली
गई। ऐसे प्रकरणों को देखते हुए परिषद मुख्यालय अब शिक्षक व छात्रों का डाटा
बैंक बनाने जा रहा है। डाटा बैंक के लिए साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है,
जिसमें स्कूल से जुड़ी सारी सूचनाएं अलग-अलग कॉलम में दी जा सकें। प्रदेश
भर के हर जिले के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के साथ ही वहां तैनात
प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के साथ ही पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं का पूरा
ब्योरा होगा। विभिन्न जिलों से समय-समय पर आने वाली सूचनाओं को लगातार
इसमें अपडेट भी किया जाएगा। सचिव रूबी सिंह ने बताया कि शासन व विभागीय
अफसर नियमित किसी न किसी बिंदु पर सूचनाएं मांगते हैं, इसके लिए हर सूचना
के लिए जिलों से रिपोर्ट मांगना पड़ता है। यह स्थिति ठीक नहीं है इसलिए
डाटा बैंक बनाने का प्रयास शुरू हुआ है, जो अगले शैक्षिक सत्र से पूरी तरह
से प्रभावी होने की उम्मीद है।
सेवानिवृत्ति भी मिलेगी : स्कूलों में पढ़ा रहे कितने शिक्षक
की 31 मार्च को सेवानिवृत्ति होंगे, इसके अलावा स्कूलों में शिक्षकों के
कितने पद खाली हैं। यह जानकारी भी मुख्यालय को रहेगी। पिछले दिनों जनवरी
में प्रस्तावित 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए भी जिलों से रिपोर्ट लेनी
पड़ी थी। डाटा बैंक बनने पर रिपोर्ट लेने की प्रक्रिया से जूझना नहीं
पड़ेगा। इससे सभी को सहूलियत रहेगी।
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