यूपी के शिक्षामित्रों से सौतेला व्यवहार कर रही सरकार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी शिक्षा मित्र को नहीं दिया 25 अंक भारांक का लाभ

उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने सरकार पर प्राथमिक विद्यालयो में कार्यरत लाखों शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। संघ ने कहा कि प्रथम शिक्षक भर्ती 41000 में किसी भी शिक्षा मित्र को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 25 अंक भारांक का लाभ नहीं दिया।
अब दूसरी भर्ती 69000 में बी एड अभ्यर्थियों को शामिल कर भर्ती में कड़ी प्रतियोगिता करायी जा रही है। इससे एक बार फिर लाखों की संख्या में शिक्षा मित्र योग्यता रखते हुए मेरिट से बाहर हो जाएंगे। सरकार वेटेज के नाम पर शिक्षा मित्रों को धोखा दे रही है। इस भर्ती में भी पूर्व भर्ती की तरह मात्र 7 से 8 हजार ही शिक्षा मित्र शिक्षक बन पाएंगे। राज्य व केंद्र सरकार शिक्षा मित्रों को अपना जीवन खत्म करने के लिए मजबूर कर रही है। उनको शिक्षक भर्ती तैयारी के लिए स्कूलों से कोई अवकाश भी नही मिल रहा है। ऐसे में वह बीटीसी व बीएड वाले के साथ किस तरह प्रतियोगीता परीक्षा में मुकाबला कर सकेंगे।संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिक्षा मित्रों के लिए स्थायी हल निकालने की मांग की है। उनका कहना है कि इसका एलान भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किया था तो अब तक उसे पूरा क्यों नही किया जा रहा है।उन्होंने कहा जब उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के नेतृत्व में हाई प्रोफाइल कमेटी बनाई गई जिसमें 5 प्रमुख सचिवो को सदस्य के रूप में शामिल किया गया फिर भी शिक्षा मित्रों के सम्बंध में स्थायी हल 4 माह बीत जाने के बाद भी नही बन सका। भाजपा सरकार संकल्प पत्र में शिक्षा मित्रों से किया वादा 31 दिसम्बर तक पूरा नही किया तो आगामी लोकसभा चुनावों में शिक्षा मित्र भी इस अपमान का हिसाब राज्य व केंद्र से जरूर लेंगे।