इलाहाबाद। शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे के तहत
नौकरी की तलाश कर रहे आश्रितों के लिए बड़ी खबर है। योगी सरकार ने उनके हित
में बड़ा फैसला लिया है।
अब उन्हें परिषदीय विद्यालयों में नौकरी के लिए किसी परीक्षा अथवा किसी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन नहीं करना होगा और ना ही ऐसी किसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। मृतक आश्रित को बिना किसी परीक्षा व बिना किसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए सीधे नौकरी दी जाएगी।
इस तरह नौकरी मिल सकेगी
विभागीय आदेशों के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित कोटे के तहत बिना किसी परीक्षा के आश्रितों को सीधे नौकरी मिल सकेगी। हालांकि इसके लिए उन्हें पर्याप्त योग्यता रखनी होगी और संबंधित पद के सापेक्ष योग्यता रखने पर उन्हें सीधे नौकरी दे दी जाएगी। इस बावत बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें सहायक अध्यापक पद पर भी बिना किसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और बिना किसी परीक्षा के सीधे नौकरी दी जायेगी।
शिक्षक बनने के लिए चाहिए ये योग्यता
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित कोटे के तहत बिना किसी परीक्षा के आश्रितों को सीधे सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी मिल सकेगी। हालांकि इसके लिए आश्रित को निर्धारित योग्यता हासिल करनी होगी। जिसमें B.Ed बीटीसी व टीईटी आदि शामिल हैं। पर्याप्त योग्यता के बाद मृतक आश्रित को किसी भी भर्ती प्रक्रिया में नहीं बैठाया जाएगा और ना ही उनसे कहीं आवेदन करने के लिए ना ही किसी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने को कहा जाएगा। बल्कि उनके सामान्य प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही करते हुए सीधे सहायक अध्यापक पद पर नौकरी दे दी जाएगी।
चतुर्थ श्रेणी की नौकरी नहीं होगी मजबूरी
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित होने वाले विद्यालयों, कार्यालयों में कार्यरत अध्यापकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों के आश्रितों को अभी तक सहायक अध्यापक पद की योग्यता होने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए ही ऑफर किया जाता था । मजबूरी में आश्रितों को यह नौकरी स्वीकार भी करनी पड़ती थी। लेकिन, अब मृतक आश्रितों को मजबूरी में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी, बल्कि उनकी योग्यता के अनुरूप ही उन्हें पद दिया जाएगा और सबसे खास बात यह है कि अगर वह शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं तो उन्हें सीधे सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर योग्यता प्रशिक्षण एवं टीईटी-सीटीईटी पास होने पर सीधे नियुक्ति दी जाएगी। उन्हें इसके लिए मृतक आश्रित को शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदन नहीं करना होगा।
क्या हैं आदेश
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से जारी आदेश में अध्यापक सेवा नियमावली 1981 को आधार बनाकर सभी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 14 स्पष्ट हैं कि अगर मृतक आश्रित सहायक अध्यापक पद के लिए निर्धारित शैक्षिक एवं प्रशिक्षण योग्यता रखता है और वह अर्ह है तो उसे किसी भर्ती परीक्षा को पास करना आवश्यक नहीं है। आदेश में स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में निर्धारित योग्यता, प्रशिक्षण योग्यता के आधार पर सेवायोजन के लिए आवेदन करने पर भर्ती के सामान्य नियमों, प्रक्रिया को शिथिल करते हुए परिषदीय सेवा में नौकरी दी जायेगी।
अब उन्हें परिषदीय विद्यालयों में नौकरी के लिए किसी परीक्षा अथवा किसी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन नहीं करना होगा और ना ही ऐसी किसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। मृतक आश्रित को बिना किसी परीक्षा व बिना किसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए सीधे नौकरी दी जाएगी।
इस तरह नौकरी मिल सकेगी
विभागीय आदेशों के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित कोटे के तहत बिना किसी परीक्षा के आश्रितों को सीधे नौकरी मिल सकेगी। हालांकि इसके लिए उन्हें पर्याप्त योग्यता रखनी होगी और संबंधित पद के सापेक्ष योग्यता रखने पर उन्हें सीधे नौकरी दे दी जाएगी। इस बावत बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें सहायक अध्यापक पद पर भी बिना किसी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और बिना किसी परीक्षा के सीधे नौकरी दी जायेगी।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित कोटे के तहत बिना किसी परीक्षा के आश्रितों को सीधे सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी मिल सकेगी। हालांकि इसके लिए आश्रित को निर्धारित योग्यता हासिल करनी होगी। जिसमें B.Ed बीटीसी व टीईटी आदि शामिल हैं। पर्याप्त योग्यता के बाद मृतक आश्रित को किसी भी भर्ती प्रक्रिया में नहीं बैठाया जाएगा और ना ही उनसे कहीं आवेदन करने के लिए ना ही किसी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने को कहा जाएगा। बल्कि उनके सामान्य प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही करते हुए सीधे सहायक अध्यापक पद पर नौकरी दे दी जाएगी।
चतुर्थ श्रेणी की नौकरी नहीं होगी मजबूरी
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित होने वाले विद्यालयों, कार्यालयों में कार्यरत अध्यापकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों के आश्रितों को अभी तक सहायक अध्यापक पद की योग्यता होने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए ही ऑफर किया जाता था । मजबूरी में आश्रितों को यह नौकरी स्वीकार भी करनी पड़ती थी। लेकिन, अब मृतक आश्रितों को मजबूरी में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी, बल्कि उनकी योग्यता के अनुरूप ही उन्हें पद दिया जाएगा और सबसे खास बात यह है कि अगर वह शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं तो उन्हें सीधे सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर योग्यता प्रशिक्षण एवं टीईटी-सीटीईटी पास होने पर सीधे नियुक्ति दी जाएगी। उन्हें इसके लिए मृतक आश्रित को शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदन नहीं करना होगा।
क्या हैं आदेश
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से जारी आदेश में अध्यापक सेवा नियमावली 1981 को आधार बनाकर सभी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 14 स्पष्ट हैं कि अगर मृतक आश्रित सहायक अध्यापक पद के लिए निर्धारित शैक्षिक एवं प्रशिक्षण योग्यता रखता है और वह अर्ह है तो उसे किसी भर्ती परीक्षा को पास करना आवश्यक नहीं है। आदेश में स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में निर्धारित योग्यता, प्रशिक्षण योग्यता के आधार पर सेवायोजन के लिए आवेदन करने पर भर्ती के सामान्य नियमों, प्रक्रिया को शिथिल करते हुए परिषदीय सेवा में नौकरी दी जायेगी।