प्रदेश में आंदोलनकारी परिषदीय शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में बेसिक शिक्षा विभाग, माँगा अवकाश का ब्यौरा

प्रदेश में आंदोलनकारी परिषदीय शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में बेसिक शिक्षा विभाग, माँगा अवकाश का ब्यौरा

 प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का एक दर्जन मांगों को लेकर उग्र आंदोलन का दांव उलटा पड़ गया है। शिक्षकों ने जिस तरह से मुख्यालय पर बिजली आपूर्ति ठप करने व परिषद सचिव के सामने नारेबाजी की है उससे शासन भी नाराज है। शिक्षकों के वार का परिषद मुख्यालय अब सख्ती से जवाब देने जा रहा है। बिना अवकाश आंदोलन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होना लगभग तय है।
असल में, परिषद सचिव रूबी सिंह को शिक्षकों की कार्यशैली नागवार लगती रही है। वह विद्यालय समय में कार्यालय आने वाले हर शिक्षक व विभागीय अफसर से छुट्टी लेकर आए हो या नहीं यह सवाल जरूर पूछती थी। अमूमन हर शिक्षक इसका जवाब ‘न’ में ही देता रहा तो उसे यह नसीहत दी जाती रही कि आगे से बिना अवकाश विद्यालय समय में न आए, स्कूल से लौटकर आने वालों का स्वागत है। इससे शिक्षक तो नहीं उनके नेतागण खासे असहज थे। इसीलिए एक दर्जन मांगों को लेकर परिषद सचिव को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया, जबकि मांग पत्र की अधिकांश बातें शासन स्तर से ही निस्तारित हो सकती हैं। दो दिन के आंदोलन में शिक्षकों ने परिषद सचिव को ही मंच से निशाने पर रखा यहां तक कि कुछ शिक्षकों ने कार्यालय की बिजली आपूर्ति बंद कर दी और छिटपुट तोड़फोड़ करने का भी आरोप है।
शिक्षकों के बर्ताव से परिषद ने शासन को अवगत कराया तो तत्काल पुलिस को सूचित करने का निर्देश हुआ और उसी दिन परिषद सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह उन शिक्षकों की सूची भेजे जो 21 व 22 दिसंबर को बिना अवकाश स्वीकृत कराए आंदोलन में शामिल होने पहुंचे थे। कहा गया कि यदि शिक्षकों ने स्कूल में केवल आवेदन दिया हो तो भी सूचित करें। यह सूचना देने में बीएसए आनाकानी कर रहे थे, अब परिषद के उप सचिव अनिल कुमार ने फिर सभी बीएसए को यह सूचना तत्काल देने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि शासन भी सूचना देने में देरी से नाराज है। ई-मेल पर जानकारी दी जाए। माना जा रहा है कि जल्द ही बिना अवकाश स्वीकृत कराए आंदोलन करने वाले शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।