प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के दूसरे रिजल्ट में अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। अगस्त के परीक्षा परिणाम में चंद अंकों से अनुत्तीर्ण होने वालों को शिक्षक बनने का अवसर मिल सकता है। पहले पुनमरूल्यांकन से कुछ सैकड़ा अभ्यर्थियों को ही लाभ मिलता लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद लाभ पाने वालों की संख्या हजार से ऊपर हो सकती है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का पहला रिजल्ट 13 अगस्त को जारी हुआ था। उसमें 41556 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। रिजल्ट जारी होने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर गंभीर आरोप लगे। यह प्रकरण शासन तक पहुंचने पर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेकर पुनमरूल्यांकन कराने के निर्देश हुए। इसमें 30751 ने 20 अक्टूबर तक आवेदन किए हैं। इसके अलावा उच्चस्तरीय जांच समिति ने करीब साढ़े तीन सौ कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया था। यही नहीं इसी बीच हाईकोर्ट ने कई याचियों व तय समय सीमा में ऑफलाइन आवेदन करने वालों की कॉपियां दोबारा जांचने का निर्देश दिया था। यह सिलसिला इस माह तक जारी रहा है। ऐसे में करीब 34 हजार कॉपियां नए सिरे से जांची जा रही हैं।
एससीईआरटी को दिया गया जिम्मा : कॉपियां का पुनमरूल्यांकन कराने का जिम्मा एससीईआरटी को दिया गया है। शासन के इस निर्णय के पीछे वजह यह है कि इससे परीक्षक बदल जाएंगे, जिन्होंने पहली बार मूल्यांकन किया, उन्हें इससे दूर रखा गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का पहला रिजल्ट 13 अगस्त को जारी हुआ था। उसमें 41556 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। रिजल्ट जारी होने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर गंभीर आरोप लगे। यह प्रकरण शासन तक पहुंचने पर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेकर पुनमरूल्यांकन कराने के निर्देश हुए। इसमें 30751 ने 20 अक्टूबर तक आवेदन किए हैं। इसके अलावा उच्चस्तरीय जांच समिति ने करीब साढ़े तीन सौ कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया था। यही नहीं इसी बीच हाईकोर्ट ने कई याचियों व तय समय सीमा में ऑफलाइन आवेदन करने वालों की कॉपियां दोबारा जांचने का निर्देश दिया था। यह सिलसिला इस माह तक जारी रहा है। ऐसे में करीब 34 हजार कॉपियां नए सिरे से जांची जा रही हैं।
एससीईआरटी को दिया गया जिम्मा : कॉपियां का पुनमरूल्यांकन कराने का जिम्मा एससीईआरटी को दिया गया है। शासन के इस निर्णय के पीछे वजह यह है कि इससे परीक्षक बदल जाएंगे, जिन्होंने पहली बार मूल्यांकन किया, उन्हें इससे दूर रखा गया है।
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