69000 शिक्षक भर्ती रिजल्ट: 21 जनवरी को तय होगा कब आएगा 6 जनवरी को हुई परीक्षा का परिणाम

69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम कब आएगा इस बात की पुष्टि 21 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की सुनवाई के बाद तय होगी।
क्योंकि 69000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा के क्वालीफाइंग मार्क्स को हाईकोट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई। पिटीशन स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने बेंच उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती के लिए 6 जनवरी को आयोजित हुई परीक्षा के परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। यह रोक 21 जनवरी तक जारी रहेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता आरके सिंह के आग्रह पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 जनवरी तय की है। इसके साथ ही अदालत ने शिक्षक भर्ती कराने वाले अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराना चाहते भी चाहते हैं या नहीं।
21 जनवरी तय होगा ककब आएगा रिजल्‍ट-
21 जनवरी को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की ओर से होने वाले सुनवाई के बाद तय होगा कि इस भर्ती का रिजल्ट कब तक जारी होगा। चूंकि हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 में राज्य सरकार ने जनरल के लिए क्वालीफाइंग मार्क्स 65 फीसदी जबकि आरक्षित कैटेगरी के लिए 60 फीसदी रखा है जो कि उचित नहीं है। क्योंकि भर्ती विज्ञापर में ऐसे किसी भी प्रकार के क्वालीफाइंग मार्क्स की बात नहीं कही गई थी। याचिका कर्ताओं की बात को संज्ञान लते हुए अदालत राज्य सरकार को यह आदेश कर सकती है या सभी के लिए सामान्य क्वालीफाइंग मार्क्स तक कर रिजल्ट जारी किए जाएं या फिर रिजल्ट में संशोधित रिजल्ट जारी करने का आदेश दे सकती है। 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए सभी उम्मीदवारों को अब 21 जनवरी का इंतजार करना होगा और देखना होगा कि आगे क्या होने वाला है।

क्या है पूरा मामला: याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को चुनौती दी गई। उन्होंने बताया कि 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की है। याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है। 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हो गयी। जिसके बाद सरकार ने नियमों में परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय सिद्धांत है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ एलपी मिश्रा , एचजीएस परिहार , उपेंद्र मिश्रा आदि हाजिर हुए जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।