अदालत ने कट ऑफ को लेकर सरकार से मांगा जवाब , याचिका में न्यूनतम अर्हता अंक को बताया गया है भेदभावपूर्ण

लखनऊ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में यथा स्थिति बहाल रखते हुए भर्ती के कट आफ को लेकर जानकारी मांगी है।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने यह आदेश रिजवान अहमद समेत कई शिक्षामित्रों की ओर से दायर कई याचिकाओं पर दिए हैं।
इन याचिकाओं में सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत कटऑफ रखने को चुनौती दी गई है। जिस पर कोर्ट ने कटऑफ कम करने के संबंध में सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि याचिकाओं में प्रदेश सरकार के सात जनवरी के उस शासनादेश को चुनौती दी गई है, जिसमें इस परीक्षा में शामिल सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत न्यूनतम अर्हता अंक निर्धारित किया गया है।


याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इतना अधिक न्यूनतम अर्हता अंक निर्धारित करना मनमाना और भेदभावपूर्ण है क्योंकि पहले हुई इसी परीक्षा में न्यूनतम अर्हता 45 प्रतिशत रखी गई थी। नए निर्देशों की वजह से कई अभ्यर्थियों के लिए मेरिट में स्थान पाना मुश्किल होगा।