पीसीएस-प्री के सवालों पर भी उठे सवाल
पूर्व की परीक्षाओं में पूछे गए कई प्रश्न इस बार हुए रिपीट
’ निम्निलिखित में कौन संप्रेषण में गृहीता की कमजोर प्रकार की रुकावट है-(उत्तर-पूर्वाग्रह- पीसीएसप्री-2012)
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पूर्व की परीक्षाओं में पूछे गए कई प्रश्न इस बार हुए रिपीट
’ निम्निलिखित में कौन संप्रेषण में गृहीता की कमजोर प्रकार की रुकावट है-(उत्तर-पूर्वाग्रह- पीसीएसप्री-2012)
’ निम्निलिखित में से आगे झुकने के धनात्मक वैक्तिक संकेत-(उत्तर-एकाग्रता- पीसीएस-प्री-2012
’ निम्निलिखित में से त्योरी चढ़ाने के नकारात्मक संकेत (उत्तर-झुंझलाहट-पीसीएसप्री-2012)
’ निम्निलिखित में से कौन अंतर्वैयक्तिक संबंधों के निर्माण में समस्या- (उत्तर-शर्मीलापन- पीसीएसप्री -2013)
’ संप्रेषण के प्रक्रम में प्रथम चरण है-(उत्तर-कूट संकेतन-पीसीएसप्री-2013)
अभ्यर्थियों का दावा, यह सवाल हुए रिपीट
हरिशंकर मिश्र, राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद
पेपर आउट होने की वजह से आलोचनाओं के घेरे में आये उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पीसीएस-प्री के प्रश्नपत्र की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में हैं।
2015 की परीक्षा में कई प्रश्न ऐसे हैं जो पूर्व की परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं। इससे प्रदेश की इस सबसे बड़ी परीक्षा के प्रति आयोग की गंभीरता का सच उजागर हो गया है। इसके अलावा लोअर और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा प्रश्नों पर विवाद पहले ही खड़ा हो चुका है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस-प्री का आयोजन आइएएस-प्री की तर्ज पर सीसैट (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्ट) प्रणाली पर करता है।
अभ्यर्थियों ने पुराने और हाल ही में हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र का मिलान किया तो साफ नजर आया की पेपर तैयार करने में जबर्दस्त उदासीनता बरती गई है।
सिर्फ इतना ही नहीं कुछ प्रश्न ऐसे भी रिपीट कर दिए गए जिन्हें खुद आयोग अपनी उत्तर कुंजी जारी करने के बाद अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर खारिज कर चुका है। मसलन पीसीएसजे-2013 की परीक्षा में एक सवाल पूछा गया था कि बुलेटप्रूफ खिड़की/सामग्री तैयार करने में कौन सा बहुलक प्रयोग में आता है। इसके चार विकल्पों में दो विकल्प (ए-पाली काबरेनेट, बी-पाली एमाइड) सही थे। इसी वजह से पीसीएसजे-2013 की संशोधित उत्तरकुंजी में इस प्रश्न को काट दिया गया। लेकिन यही सवाल हूबहू पीसीएस-प्री की परीक्षा में पूछा गया है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जिस प्रश्न को आयोग खुद गलत मान चुका है, उसे प्रश्नपत्र में शामिल कैसे किया गया।
ऐसा ही एक सवाल था कि 8 फरवरी-2014 में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का आयोजन कहा किया गया। पीसीएस-प्री-2014 में यह सवाल पूछा गया था लेकिन संशोधित उत्तर कुंजी में निरस्त कर दिया गया था। यह सवाल और उसके विकल्प समीक्षा अधिकारी मुख्य परीक्षा-2014 में पूछे गए। अभ्यर्थी संजय पांडेय दावा करते हैं कि समीक्षा अधिकारी सहायक-समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2013 में सात प्रश्न गलत पूछे गए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह हाल प्रारंभिक परीक्षा का है। मुख्य परीक्षा में कितनी गलतियां होती होंगी, इसका अनुमान नहीं लग पाता।
इसलिए आयोग को मुख्य परीक्षाओं के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की उत्तर कुंजी भी जारी करनी चाहिए।
’ निम्निलिखित में से त्योरी चढ़ाने के नकारात्मक संकेत (उत्तर-झुंझलाहट-पीसीएसप्री-2012)
’ निम्निलिखित में से कौन अंतर्वैयक्तिक संबंधों के निर्माण में समस्या- (उत्तर-शर्मीलापन- पीसीएसप्री -2013)
’ संप्रेषण के प्रक्रम में प्रथम चरण है-(उत्तर-कूट संकेतन-पीसीएसप्री-2013)
अभ्यर्थियों का दावा, यह सवाल हुए रिपीट
हरिशंकर मिश्र, राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद
पेपर आउट होने की वजह से आलोचनाओं के घेरे में आये उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पीसीएस-प्री के प्रश्नपत्र की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में हैं।
2015 की परीक्षा में कई प्रश्न ऐसे हैं जो पूर्व की परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं। इससे प्रदेश की इस सबसे बड़ी परीक्षा के प्रति आयोग की गंभीरता का सच उजागर हो गया है। इसके अलावा लोअर और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा प्रश्नों पर विवाद पहले ही खड़ा हो चुका है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस-प्री का आयोजन आइएएस-प्री की तर्ज पर सीसैट (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्ट) प्रणाली पर करता है।
अभ्यर्थियों ने पुराने और हाल ही में हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र का मिलान किया तो साफ नजर आया की पेपर तैयार करने में जबर्दस्त उदासीनता बरती गई है।
सिर्फ इतना ही नहीं कुछ प्रश्न ऐसे भी रिपीट कर दिए गए जिन्हें खुद आयोग अपनी उत्तर कुंजी जारी करने के बाद अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर खारिज कर चुका है। मसलन पीसीएसजे-2013 की परीक्षा में एक सवाल पूछा गया था कि बुलेटप्रूफ खिड़की/सामग्री तैयार करने में कौन सा बहुलक प्रयोग में आता है। इसके चार विकल्पों में दो विकल्प (ए-पाली काबरेनेट, बी-पाली एमाइड) सही थे। इसी वजह से पीसीएसजे-2013 की संशोधित उत्तरकुंजी में इस प्रश्न को काट दिया गया। लेकिन यही सवाल हूबहू पीसीएस-प्री की परीक्षा में पूछा गया है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जिस प्रश्न को आयोग खुद गलत मान चुका है, उसे प्रश्नपत्र में शामिल कैसे किया गया।
ऐसा ही एक सवाल था कि 8 फरवरी-2014 में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का आयोजन कहा किया गया। पीसीएस-प्री-2014 में यह सवाल पूछा गया था लेकिन संशोधित उत्तर कुंजी में निरस्त कर दिया गया था। यह सवाल और उसके विकल्प समीक्षा अधिकारी मुख्य परीक्षा-2014 में पूछे गए। अभ्यर्थी संजय पांडेय दावा करते हैं कि समीक्षा अधिकारी सहायक-समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2013 में सात प्रश्न गलत पूछे गए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह हाल प्रारंभिक परीक्षा का है। मुख्य परीक्षा में कितनी गलतियां होती होंगी, इसका अनुमान नहीं लग पाता।
इसलिए आयोग को मुख्य परीक्षाओं के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की उत्तर कुंजी भी जारी करनी चाहिए।
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