सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोय
यह अभिलाषा हम सबकी भगवन पूरी होय।।
विद्या बुद्धि तेज बल सबके भीतर होय।
धन धान्य सुख से वंचित रहे न कोय।।
आपकी भक्ति प्रेम से मन होवे भरपूर।
राग द्वेष से चित्त मेरा कोशो भागे दूर।।
मिले भरोसा आपका हमे सदा जगदीश।
आशा तेरे नाम की बनी रहे मम इश।।
पाप से हमे बचाइये कर के दया दयाल।
अपना भक्त बनाये के सबको करो निहाल।।
दिल में दया उदारता मन में प्रेम अपार।
हिरदय में धीरज वीरता सबको दो करतार।।
हाथ जोड़ विनती करू सुनिए क्रपा निधान।
साधू संगत सुख दीजिये दया धरम का दान।
दीजिये दया धर्म का दान...........
जय श्री राधे श्याम
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