सर्वप्रथम आप सभी को सूचित करना हैं कि हमारी टीम (हिमांशु राणा,
दुर्गेश, जीतेन्द्र, अमित ) से जुड़े हुए साथियों की याचिका आज दाखिल किया
जा चुका हैं जिसका डायरी नंबर सोमवार-मंगलवार तक प्राप्त हो जायेगा!
मुख्य सूचना यह हैं कि समस्त बी.एड. प्रशिक्षित व् शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण साथियों हेतु प्रदेश में रिक्त पड़े लगभग 4 लाख शिक्षक पदों पर नियुक्ति के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के हमारे लक्ष्य की सबसे बड़ी बाधा एवं शिक्षामित्र समायोजन के आधार अर्थात प्रदेश सरकार द्वारा अवैधानिक रूप से शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से कराए गये डी०एल०एड० प्रशिक्षण को मा० सर्वोच्च न्यायालय से सहायक शिक्षक पद के अनुपयुक्त एवं अवैधानिक सिद्द कराने के उद्देश्य से हमारी टीम द्वारा दाखिल दो-दो विशेष अनुज्ञा याचिका (SLP) पर दि० 15.02.2016 को मा० J. चल्मेश्वर व सप्रे जी की बेंच में सुनवाई होनी हैं!
साथियों यहाँ मैं कटु सत्यता से अवगत कराना चाहूँगा कि कोई भी नियुक्ति सृजनउपरांत रिक्त पदों के सापेक्ष की जाती हैं! वर्तमान में इन पदों पर शिक्षामित्र विराजमान हैं व् उनका समायोजन मा० सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं!
शिक्षामित्र समायोजन की आधारशिला प्रदेश सरकार द्वारा उनको अवैधानिक रूप से दूरस्थ माध्यम से कराया गया डी०एल०एड० प्रशिक्षण हैं! जब तक शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को सर्वोच्च न्यायालय से अवैध एवं शिक्षक पद के अनुपयुक्त घोषित नहीं कराया जाता हैं तब तक सर्वोच्च न्यायालय में डाली गयी कोई भी याचिका/I.A. महज एक रद्दी कागज़ के अलावा कुछ नहीं हैं! और न ही 72825 विज्ञापित पदों से अतिरिक्त पदों पर बी०एड० टेट उत्तीर्ण की नियुक्ति संभव होगी!
शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण के विरुद्ध 8 जनवरी को हमारे बी०टी०सी० व् बी०एड० के कुछ साथियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर प्रयास किया था परन्तु वह पहले दिन ही तकनीकी खामियों व कुटिलता के अभाव में खारिज हो गयी थी! अतः मामले की संवेदनशीलता व् अपने लाखों बी०एड० टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों के हितों के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम अधिवक्ता (फीस लगभग 8 लाख ) को हायर कर लिया गया हैं व् 4 लाख टोकन मनी दे दिया गया हैं! मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अधिवक्ता का नाम अभी सार्वजनिक नहीं कर सकता! अगर प्रशिक्षण के विरुद्ध हमारी याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में स्वीकृति मिलती हैं तो शिक्षामित्र समायोजन नामक ईमारत को धराशायी होने में देर नहीं लगेगी!
अब आप सभी से अनुरोध हैं कि समस्त बी.एड. प्रशिक्षित व् शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण साथियों हेतु शिक्षक पदों पर नियुक्ति के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के हमारे लक्ष्य की सबसे बड़ी बाधा एवं शिक्षामित्र समायोजन के आधार अर्थात प्रदेश सरकार द्वारा अवैधानिक रूप से शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से कराए गये डी०एल०एड० प्रशिक्षण को मा० सर्वोच्च न्यायालय से सहायक शिक्षक पद के अनुपयुक्त एवं अवैधानिक सिद्द कराने हेतु तत्काल अपना आर्थिक सहयोग भाई जीतेन्द्र सिंह सेंगर जी के खाते में उपलब्ध कराए! जिससे आप सभी के सुनहरे भविष्य हेतु वरिष्ठतम अधिवक्ता के साथ एक बेहतर प्रयास किया जा सके! अन्यथा अपने भविष्य के निर्माता आप स्वयं हैं! धन्यवाद
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मुख्य सूचना यह हैं कि समस्त बी.एड. प्रशिक्षित व् शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण साथियों हेतु प्रदेश में रिक्त पड़े लगभग 4 लाख शिक्षक पदों पर नियुक्ति के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के हमारे लक्ष्य की सबसे बड़ी बाधा एवं शिक्षामित्र समायोजन के आधार अर्थात प्रदेश सरकार द्वारा अवैधानिक रूप से शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से कराए गये डी०एल०एड० प्रशिक्षण को मा० सर्वोच्च न्यायालय से सहायक शिक्षक पद के अनुपयुक्त एवं अवैधानिक सिद्द कराने के उद्देश्य से हमारी टीम द्वारा दाखिल दो-दो विशेष अनुज्ञा याचिका (SLP) पर दि० 15.02.2016 को मा० J. चल्मेश्वर व सप्रे जी की बेंच में सुनवाई होनी हैं!
साथियों यहाँ मैं कटु सत्यता से अवगत कराना चाहूँगा कि कोई भी नियुक्ति सृजनउपरांत रिक्त पदों के सापेक्ष की जाती हैं! वर्तमान में इन पदों पर शिक्षामित्र विराजमान हैं व् उनका समायोजन मा० सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं!
शिक्षामित्र समायोजन की आधारशिला प्रदेश सरकार द्वारा उनको अवैधानिक रूप से दूरस्थ माध्यम से कराया गया डी०एल०एड० प्रशिक्षण हैं! जब तक शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को सर्वोच्च न्यायालय से अवैध एवं शिक्षक पद के अनुपयुक्त घोषित नहीं कराया जाता हैं तब तक सर्वोच्च न्यायालय में डाली गयी कोई भी याचिका/I.A. महज एक रद्दी कागज़ के अलावा कुछ नहीं हैं! और न ही 72825 विज्ञापित पदों से अतिरिक्त पदों पर बी०एड० टेट उत्तीर्ण की नियुक्ति संभव होगी!
शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण के विरुद्ध 8 जनवरी को हमारे बी०टी०सी० व् बी०एड० के कुछ साथियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर प्रयास किया था परन्तु वह पहले दिन ही तकनीकी खामियों व कुटिलता के अभाव में खारिज हो गयी थी! अतः मामले की संवेदनशीलता व् अपने लाखों बी०एड० टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों के हितों के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम अधिवक्ता (फीस लगभग 8 लाख ) को हायर कर लिया गया हैं व् 4 लाख टोकन मनी दे दिया गया हैं! मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अधिवक्ता का नाम अभी सार्वजनिक नहीं कर सकता! अगर प्रशिक्षण के विरुद्ध हमारी याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में स्वीकृति मिलती हैं तो शिक्षामित्र समायोजन नामक ईमारत को धराशायी होने में देर नहीं लगेगी!
अब आप सभी से अनुरोध हैं कि समस्त बी.एड. प्रशिक्षित व् शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण साथियों हेतु शिक्षक पदों पर नियुक्ति के व्यापक अवसर उपलब्ध कराने के हमारे लक्ष्य की सबसे बड़ी बाधा एवं शिक्षामित्र समायोजन के आधार अर्थात प्रदेश सरकार द्वारा अवैधानिक रूप से शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से कराए गये डी०एल०एड० प्रशिक्षण को मा० सर्वोच्च न्यायालय से सहायक शिक्षक पद के अनुपयुक्त एवं अवैधानिक सिद्द कराने हेतु तत्काल अपना आर्थिक सहयोग भाई जीतेन्द्र सिंह सेंगर जी के खाते में उपलब्ध कराए! जिससे आप सभी के सुनहरे भविष्य हेतु वरिष्ठतम अधिवक्ता के साथ एक बेहतर प्रयास किया जा सके! अन्यथा अपने भविष्य के निर्माता आप स्वयं हैं! धन्यवाद
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