शिक्षा विभाग के आदेश पर छात्रों का स्वास्थ्य जांच

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में चयनित 10 जिलों के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण स्कूलों के खुलने के साथ ही शुरू हो जाएगा।
राज्य आयुष सोसाइटी की बैठक में परीक्षण के कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाने के निर्देश दिए गए। सोसाइटी के अध्यक्ष और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने जुलाई में स्कूलों के खुलने से पहले ही सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं।


शिक्षा विभाग प्रमुख ने कहा स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम चलाया जाए
शिक्षा विभाग के प्रमुख ने कहा कि आयुष चिकित्सक आसानी से उपलब्ध कुछ औषधीय पौधों के गमले भी तैयार करें जिनका प्रदर्शन उन स्कूलों में किया जाए जहां स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, कन्नौज, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, बांदा, झांसी, गाजियाबाद और सिद्धार्थनगर के दो-दो विकास खण्डों में सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों का हर महीने स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

बता दें कि कुछ दिनों पहले चिनहट के जुग्गौर में प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मिल में बच्चों को कढ़ी चावल दिया गया था। कढ़ी-चावल खाते ही बच्चों की हालत बिगडऩे लगी। उन्हें उल्टी-दस्त होने लगा। बीमार बच्चों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सात बच्चों की हालत गंभीर


लोहिया अस्पाताल में भर्ती कराए गए बच्चों में से ज्यादातर की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। प्रारंभिक इलाज के बाद उनकी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सात बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। बच्चों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि इलाज में किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए।

जांच के लिए भेजा गया सैम्पल

बच्चों के बीमार होने के बाद प्रशासन ने कढ़ी-चावल के सैम्पल को जांच के लिए भेज दिया है। जांच रिपोर्ट से यह साफ हो सकेगा कि कढ़ी-चावल में ऐसा क्या जिससे बच्चों की हालत बिगड़ी। इस मामले में मिड डे मिल परोसने वाली संस्था अक्षयपात्र से भी जवाब मांगा गया है।

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