Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

सातवें वेतन आयोग में काम नहीं तो इंक्रीमेंट नहीं, न्यूनतम वेतन हुआ 18,000 रुपये, वर्तमान दर और वेतन पर ही भत्ते, विसंगतियों की जांच को समिति

केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों के वेतन में अब वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) नहीं होगी जिनका प्रदर्शन तय मानकों के अनुरूप नहीं होगा। यह बात मंगलवार को जारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने
संबंधी अधिसूचना में कही गई है।
इन सिफारिशों के लागू होने से एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 गुना की बढ़ोतरी हो गई है। उन्हें अगस्त के वेतन से इसका लाभ मिलने लगेगा। सरकारी खजाने पर इस वेतन बढ़ोतरी से सालाना 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।1अधिसूचना में वित्त मंत्रलय का कहना है कि पदोन्नति और वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन को ‘अच्छे’ से बढ़ाकर ‘बहुत अच्छा’ कर दिया गया है। मंत्रलय के मुताबिक, आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए करियर में संशोधित सुनिश्चित प्रगति (एमएसीपी) योजना को सेवा के 10, 20 और 30 साल पर पहले की तरह बरकरार रखा गया है। सेवा के पहले 20 सालों में एमएसीपी या सामान्य पदोन्नति के मानकों को पूरा न करने वाले कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश भी स्वीकार कर ली गई है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में केंद्र से कहा था, यह सामान्य धारणा है कि पदक्रम और वार्षिक वेतन में बढ़ोतरी समय के साथ स्वत: होती जाती है। इसलिए जो कर्मचारी प्रदर्शन के निर्धारित मानदंडों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें वार्षिक वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जानी चाहिए।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts