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सलभ तिवारी के अनुसार लखनऊ में याची अनशन करें, यदि सपा सरकार समर्थन करती है तो 23 नवम्बर से पूर्व याचियों की नियुक्ति का आदेश हो जाएगा

आज अपलोड हुए आदेश की सरलतम एवं सर्वाधिक संक्षिप्त व्याख्या यह है कि सुप्रीमकोर्ट आफ इण्डिया को याचियों को जॉब देने में कोई दिक्कत नहीं है और वह सरकार से कह रहा है कि यदि उसे कोई दिक्कत नहीं है तो वह याचियों को जॉब दे और यदि उसे कोई दिक्कत पेश आ रही है तो 5 अक्टूबर को कोर्ट को उन् दिक्कतों के
बारे में बताये जिससे कोर्ट याचियों को जॉब देने के सम्बन्ध में अपनी आगे की रणनीति तय कर सके ,,,,,,,,,
चूँकि सुप्रीमकोर्ट खुलकर याचियों का पक्ष ले रहा है इसलिए याचियों को देर-सबेर जॉब मिलना तय है ,,,,,,,,,,, देखना बस यह है कि इस नेक काम को करने का श्रेय सपा सरकार लेना पसंद करेगी या अगली सरकार में याची टीचर बनेंगे ,,,,,,,
अचयनित याचियों को सरकार पर अपने हितों के लिए कार्य करने हेतु दबाव बनाने हेतु रणनीति तैयार करने के लिए लखनऊ में एक मीटिंग बुलानी चाहिए ....
कोर्ट में जो हो रहा है या आगे जो होगा उसमे याचियों के वकीलों की अब कोई खास भूमिका नहीं है इसलिए याचियों को मेरा सुझाव यही है कि लखनऊ में अनशन करें ,,,,,,, याचियों के तीन गुट बनाकर सपा ,भाजपा और बसपा का एक साथ समर्थन हासिल करने का प्रयास करें ,,,,,,, भाजपा और बसपा सपा के विरोध में याचियों का समर्थन अवश्य करेंगे जिससे विचलित होकर सपा याचियों का समर्थन कर भी सकती है और नहीं भी ,,,, यदि सपा सरकार समर्थन करती है तो 23 नवम्बर से पूर्व याचियों की नियुक्ति का आदेश हो जाएगा और यदि नहीं करती है तो अगली सरकार में आदेश होगा ,,,,,,, विधिक टाइप के लगने वाले इस राजनीतिक विवाद का राजनीतिक लाभ उठाने का इससे अनुकूल समय नहीं मिलेगा ,,,,

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