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सीएम अखिलेश के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं शिक्षा विभाग के ये बड़े अधिकारी, लगा गंभीर आरोप

रादाबाद। लाख कोशिशों के बावजूद सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं सूबे का शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं है। अधिकारी और कर्मचारी बेधड़क अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं।
ताजा मामला मुरादाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग से है। यहां खुद बीएसए पर ही शिक्षकों और विभाग के बाबुओं ने रिश्वत लेकर ट्रान्सफर और पोस्टिंग का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत जब जिलाधिकारी तक पहुंची तो संज्ञान लेते हुए जांच सीडीओ को सौंपी गयी है। जो दस दिन के अन्दर रिपोर्ट देंगे।

एक ओर सूबे के सीएम अखिलेश प्रदेश को विकास पर ले जाने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उनका शिक्षा विभाग ही उनकी उम्मीदों को दगा दे रहा है। दरअसल ये विभाग उपलब्धियों के लिए कम बल्कि विवादों के लिए ज्यादा विख्यात है। मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी कामता प्रसाद की तैनाती के बाद ही यहां सबसे ज्यादा विवाद उभरकर सामने आया है।

पिछले दिनों डीएम जुहैर बिन सगीर को गुप्त शिकायत मिली की कुछ सरकारी बाबू रिश्वत लेकर अध्यापकों के ट्रान्सफर और मनचाही पोस्टिंग दे रहे हैं। इसकी जांच हुई तो डीएम ने बीएसए को दोनों बाबुओं को दफ्तर से हटाने के आदेश दिए। लेकिन अब यही बाबू अपने बीएसए पर रिश्वत का आरोप लगा रहे हैं। इनकी माने तो बीएसए साहब घर से ही अपना दफ्तर ऑपरेट करते हैं और उनके निजी लोग हैं। जो इस तरह के काम को अंजाम दे रहे हैं और फंसाया कर्मचारियों को जा रहा है।

उधर जब बीएसए ऑफिस में उनसे बात करने की कोशिश की गयी तो वे नदारद मिले। जबकि अपने काम को लेकर पहुंचे शिक्षक भी दफ्तर में परेशान घुमते दिखाई दिए। इस तरह के गंभीर मामले की शिकायत मिलने पर डीएम जुहैर बिन सगीर ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
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