RBI ने पुराने नोटों पर साधी चुप्पी, छिपा रही है ये सूचना

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री के द्वारा नोटबंदी के एलान के बाद से बाद प्रचलन से बाहर किए गए 500 रुपए व 1000 रुपए के कितने पुराने नोट वापस बैंकिंग व्यवस्था में आए हैं, अब रिजर्व बैंक इसकी सूचना छिपाने लगा है।
बुधवार को आरबीआइ ने यह सूचना तो जरुर दी कि उसने नोटबंदी लागू होने के बाद कितने नए नोट जारी किए हैं लेकिन कितने नोट वापस हुए हैं यह जानकारी नहीं दी गई है। जबकि पिछले हफ्ते तक केंद्रीय बैंक इसकी जानकारी भी देता रहा है।
आरबीआइ ने बुधवार को बताया है कि 08 नवंबर, 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद से 19 दिसंबर, 2016 तक 5,92,613 करोड़ रुपए के नए नोट बैंक शाखाओं या एटीएम के जरिए वितरित किए गए।
आरबीआइ की तरफ से इस पर चुप्पी
आरबीआइ की तरफ से इस पर चुप्पी साधने के बाद यह मुद्दा आने वाले दिनों में तुल पकड़ सकता है। क्योंकि कई अर्थविदों ने यह कहना शुरु कर दिया है कि जितने 500 व 1000 के नोट बाजार में थे उनमें से अधिकांश बैंकों के पास वापस पहुंच चुके हैं। रिजर्व बैंक ने 13 दिसंबर, 2016 को बताया था कि 10 दिसंबर, 2016 तक सिस्टम में 12.44 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट वापस आ चुके हैं।
बाजार में 500 व 1000 रुपए के 14.95 लाख करोड़ रुपए
जिस दिन नोटबंदी लागू हुई थी उस दिन आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया था कि बाजार में 500 व 1000 रुपए के 14.95 लाख करोड़ रुपए हैं। सरकार को पहले उम्मीद थी कि इसमें से 3-4 लाख करोड़ रुपए वापस काले धन के तौर पर वापस नहीं आएंगे। लेकिन अब इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अधिकांश पुराने नोट वापस हो चुके हैं। इससे सरकार के उस मंसूबे पर पानी फिर गया है कि वापस नहीं आए नोट के बदले नए नोट छाप कर उसे विकास कार्यो में इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके दो मतलब
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि 30 दिसंबर, 2016 के बाद ही प्रचलन से वापस आए नोटों के बारे में सूचना एक साथ दी जाएगी। अगर पुराने 500 व 1000 के अधिकांश नोट वापस आ जाते हैं तो इसके दो मतलब हो सकते हैं। पहला, बाजार में काले धन को लेकर सरकार का अनुमान असलियत से बहुत भिन्न था। दूसरा, कालेधन के कारोबारियों ने अधिकांश राशि को किसी न किसी तरीके से सफेद कर लिया।
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