UPPSC: आयोग की सीबीआइ जांच तक चलेगा संघर्ष

उप्र लोकसेवा आयोग में साक्षात्कार व रिजल्ट जारी करने पर रोक लगने से भले ही खलबली रही हो, लेकिन प्रतियोगी सरकार के इस से बेहद खुश हैं। युवाओं ने बैठक करके नई सरकार के सख्त रुख का स्वागत किया है, लेकिन यह भी साफ किया है कि वह आयोग की भर्तियों की सीबीआइ जांच से कम पर मानने को तैयार नहीं है। इसके लिए अनवरत संघर्ष जारी रहेगा। आयोग के मुद्दे पर कई छात्र संगठन खुलकर सामने आ गए हैं।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की बैठक अमरेंदू सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें सरकार का आभार जताने के बाद बताया गया कि समिति के अध्यक्ष शांतनु राय और मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने लखनऊ में मंत्री श्रीकांत शर्मा व प्रवक्ता मनीष शुक्ल से मिलकर आयोग की सीबीआइ जांच के लिए साक्ष्य उपलब्ध कराया। युवाओं ने कहा कि सीबीआइ जांच होने पर ही आयोग की कलई खुलेगी, क्योंकि यहां कॉपियां बदलकर व स्केलिंग के जरिए काफी धांधली हुई है।
प्रतियोगियों ने चयन बोर्ड, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा आयोग की भर्तियों में भी अपनों को लाभ मिलने का आरोप लगाया। साथ ही आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को हटाकर योग्य व अनुभवी लोगों की नियुक्ति की मांग हुई।
युवा भाजपा नेता राणा यशवंत प्रताप सिंह ने आयोग की धांधली की जांच कराने के लिए बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। भाजपा नेता ने कहा कि एक वर्ष पहले भी योगी जी ने धांधली के सबूत मांगे थे। इस बार युवाओं ने बताया कि वह 15 दिन में सबूत इकट्ठा करके मुख्यमंत्री को सौपेंगे और उसके बाद जांच की संस्तुति होगी।
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष कौशल सिंह ने आरओ-एआरओ परीक्षा 2016 का पेपर लीक प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराने की बात फिर मुखर की है। इसी तरह से सीसैट से प्रभावित हंिदूी भाषी छात्रों को अतिरिक्त अवसर दिया जाए। वहीं, उच्च शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को तत्काल निरस्त कर योग्य सदस्यों की नियुक्ति की जाए। युवाओं को अब नये सिरे से त्रिस्तरीय आरक्षण के बाद हुए आंदोलन की यादें फिर ताजा कराई जा रही हैं। मोर्चा ने आयोग के चार सदस्यों को हटाने की मांग की है। वहीं अल्टीमेटम दिया है कि मांगे न मानी जाने पर आंदोलन होगा।

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