कटऑफ मेरिट समान होने वालों का भी करें चयन, हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति देने पर विचार करने का दिया निर्देश

इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने 3587 ग्राम विकास अधिकारियों के चयन के मामले में ऐसे अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति देने पर विचार करने का निर्देश दिया है जिनकी कटऑफ मेरिट समान होने के बावजूद चयन नहीं किया गया। अभ्यर्थियों के पास अधिमानी योग्यता (एनसीसी सर्टिफिकेट, ग्रामीण पृष्ठ भूमि आदि) थी।
पवन कुमार यादव सहित 38 अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर चयन परिणाम को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने याचिका पर सुनवाई की। याचीगण के अधिवक्ता का कहना था कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2015 में 3587 ग्राम विकास अधिकारियों के पदों पर चयन के लिए विज्ञापन जारी किया गया। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद 29 दिसंबर 2016 को अंतिम परिणाम जारी किया गया। जारी परिणाम में जनरल की मेरिट 88 अंक, ओबीसी की 87 अंक और एससी की 81 अंक थी। इनकी कटऑफ मेरिट भी इतनी रखी गई। अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण के अंक कटऑफ मेरिट के बराबर थे। 1इसके अलावा उनके पास अधिमानी योग्यता एनसीसी का बी श्रेणी सर्टिफिकेट भी है। विज्ञापन में शर्त थी कि अंक समान होने की दशा में ऐसे अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं। याचीगण यह योग्यता भी रखते हैं इसके बावजूद उनको चयनित नहीं किया गया। कोर्ट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह याचीगण के चयन पर तीन माह में निर्णय ले।

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