इलाहाबाद अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के सरप्लस शिक्षकों की खोज 40 साल पुराने आदेश से हो रही है। इसके लिए कक्षावार और अनुभाग वार छात्र-छात्रओं की संख्या मांगी जा रही है। प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों के वादन को भी फेरबदल का आधार बनाने की तैयारी है।
प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में हाईस्कूल स्तर के 4556 व इंटरमीडिएट के 4025 विद्यालय हैं। इन स्कूलों के सरप्लस अध्यापकों की रिपोर्ट मांगने के लिए नौ मई को ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी हुआ है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से उप शिक्षा निदेशक विभा शुक्ला ने जिलों को निर्देश दिया है कि वह 20 नवंबर 1976 और 25 मई 1977 के शासनादेश में निर्धारित मानक के अनुसार जिले के अशासकीय विद्यालयों में कक्षावार, अनुभागवार छात्र संख्या सृजित व कार्यरत अध्यापकों का विवरण भेजे। इंटरमीडिएट स्तर का भी विवरण मांगा गया। यह निर्देश एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के लिए दिया गया। अफसर बताते हैं कि अशासकीय स्कूलों में मानक का स्टैंडर्ड अब भी 1976 व 1977 का ही लागू है। 1यह जरूर है कि 1999 में अनुभाग का नए सिरे से गठन हुआ है। ज्ञात हो कि पहले एक अनुभाग में 40 बच्चे होते और बाद में इसे बढ़ाकर 65 कर दिया गया।
शासन केनिर्देश पर उप शिक्षा निदेशक ने 19 मई तक जिलों से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन, एक भी जिले से सूचना नहीं पहुंची। 26 मई को शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से 30 मई तक रिपोर्ट मांगी है लेकिन, इस आदेश के बाद से जिलों में हड़कंप मचा है।
माध्यमिक का मानक
एलटी ग्रेड शिक्षकों के लिए 65 छात्र-छात्रओं तक एक शिक्षक और संख्या 90 तक पहुंचने पर दो शिक्षक नियुक्त करने का आदेश है। 1999 से पहले सेक्शन का मानक 40 छात्र-छात्रओं पर एक शिक्षक नियुक्त होता रहा है। प्रवक्ता का भी पद सृजन है। दोनों अंतर सिर्फ इतना है कि यदि किसी स्कूल में किसी विषय में पांच या उससे कम संख्या छात्र-छात्रओं की रहती है तो वहां प्रवक्ता का पद खत्म हो जाएगा और स्कूल से उस विषय की मान्यता जाएगी।
वादन भी होगा फेरबदल का आधार
माध्यमिक विद्यालयों में निर्देश है कि एक एलटी ग्रेड शिक्षक सप्ताह में कम से कम 36 वादन (पीरियड) जरूर पढ़ाए। यदि किसी स्कूल में एक ही विषय के दो एलटी ग्रेड शिक्षक हैं और उनके 36 वादन सप्ताह में पूरे नहीं होते हैं तो एक शिक्षक के हटने का कारण बनेगा। ऐसे ही प्रवक्ता को सप्ताह में 24 वादन पढ़ाना है यदि वह यह संख्या पूरी नहीं करता है तो प्रवक्ता सरप्लस की श्रेणी में आएगा।
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प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में हाईस्कूल स्तर के 4556 व इंटरमीडिएट के 4025 विद्यालय हैं। इन स्कूलों के सरप्लस अध्यापकों की रिपोर्ट मांगने के लिए नौ मई को ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी हुआ है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से उप शिक्षा निदेशक विभा शुक्ला ने जिलों को निर्देश दिया है कि वह 20 नवंबर 1976 और 25 मई 1977 के शासनादेश में निर्धारित मानक के अनुसार जिले के अशासकीय विद्यालयों में कक्षावार, अनुभागवार छात्र संख्या सृजित व कार्यरत अध्यापकों का विवरण भेजे। इंटरमीडिएट स्तर का भी विवरण मांगा गया। यह निर्देश एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के लिए दिया गया। अफसर बताते हैं कि अशासकीय स्कूलों में मानक का स्टैंडर्ड अब भी 1976 व 1977 का ही लागू है। 1यह जरूर है कि 1999 में अनुभाग का नए सिरे से गठन हुआ है। ज्ञात हो कि पहले एक अनुभाग में 40 बच्चे होते और बाद में इसे बढ़ाकर 65 कर दिया गया।
शासन केनिर्देश पर उप शिक्षा निदेशक ने 19 मई तक जिलों से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन, एक भी जिले से सूचना नहीं पहुंची। 26 मई को शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से 30 मई तक रिपोर्ट मांगी है लेकिन, इस आदेश के बाद से जिलों में हड़कंप मचा है।
माध्यमिक का मानक
एलटी ग्रेड शिक्षकों के लिए 65 छात्र-छात्रओं तक एक शिक्षक और संख्या 90 तक पहुंचने पर दो शिक्षक नियुक्त करने का आदेश है। 1999 से पहले सेक्शन का मानक 40 छात्र-छात्रओं पर एक शिक्षक नियुक्त होता रहा है। प्रवक्ता का भी पद सृजन है। दोनों अंतर सिर्फ इतना है कि यदि किसी स्कूल में किसी विषय में पांच या उससे कम संख्या छात्र-छात्रओं की रहती है तो वहां प्रवक्ता का पद खत्म हो जाएगा और स्कूल से उस विषय की मान्यता जाएगी।
वादन भी होगा फेरबदल का आधार
माध्यमिक विद्यालयों में निर्देश है कि एक एलटी ग्रेड शिक्षक सप्ताह में कम से कम 36 वादन (पीरियड) जरूर पढ़ाए। यदि किसी स्कूल में एक ही विषय के दो एलटी ग्रेड शिक्षक हैं और उनके 36 वादन सप्ताह में पूरे नहीं होते हैं तो एक शिक्षक के हटने का कारण बनेगा। ऐसे ही प्रवक्ता को सप्ताह में 24 वादन पढ़ाना है यदि वह यह संख्या पूरी नहीं करता है तो प्रवक्ता सरप्लस की श्रेणी में आएगा।
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