Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

शिक्षा के क्षेत्र में भाजपा की सरकारें वैचारिक दिवालियेपन की शिकार: मेघा सिंह

इच्छा न होते हुए भी आज के एक समाचार को पढ़ने के बाद मैं यह लिखने को बाध्य हो गयी  कि शिक्षा के क्षेत्र में भा ज पा की सरकारें वैचारिक दिवालियेपन की शिकार हैं।
आज एक समाचार पढने को मिला कि उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों को मुख्यमंत्री महोदय का निर्देश प्राप्त हुआ है कि पुलिस विभाग विद्यालयों को गोद ले तथा इसकी निगरानी करे कि अध्यापक पढ़ा रहे हैं या नहीं, मानक के अनुसार भोजन मिल रहा है या नहीं आदि-आदि । मुख्यमंत्री महोदय दुनिया के इतिहास में आप पहले शासक हैं जो शिक्षकों पर पुलिस की निगरानी बैठाकर  शिक्षा व्यवस्था के संचालन का तुच्छ विचार रखते हैं। साम्यवाद और पूंजीवाद से  सैद्धांतिक विरोध हो सकते हैं, लेकिन ऐसे हेय विचार तो उनके मन में भी कभी नहीं आये होंगे ।
आप उस पुलिस के माध्यम से शिक्षा की निगरानी कराना चाहते हैं जो आज भी रात्रि में चौराहों पर बिना किसी डर के वसूली में व्यस्त है। आप इस पुलिस के माध्यम से अपराधियों पर तो नियंत्रण स्थापित नहीं कर पा रहे हैं विद्यालयों पर नियंत्रण कैसे स्थापित करेंगे? क्या आप विद्यालय में भी पुलिस का महीना बधवाना चाहते हैं? आप को इस निर्णय के भयंकर परिणाम तथा बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव की कल्पना तक नहीं है। पुलिस का आप ने वह भी चरित्र देखा है जब आप सदन में फूट-फूट कर रो रहे थे।
भा ज पा का एक मुख्यमंत्री सार्वजनिक विवाह में अध्यापकों से भोजन वितरित करता है तो दूसरा पुलिस का पहरा बैठाता है । शिक्षक को अपमानित करके आप शिक्षा का उन्नयन नहीं कर सकते । पुलिस को अपराध के नियंत्रण तक सिमित रखेंगे इसी में भलाई है। शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षाविदों का ही सहारा लीजिए और शिक्षा नीति में परिवर्तन कर शिक्षकों के चरित्र में कर्म प्रेरणा उत्पन्न करने का प्रयास  कीजिए जिससे छात्र भी प्रेरणा  प्राप्त कर सकें।
हमें पता है कि हमारे इस पोस्ट से कईयों को प्रॉब्लम होगी ,,,,

Megha Singh

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts