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अकादमिक पढ़ाई एक समान करने की पहल, डीएलएड में पढ़ाई बीटीसी जैसी

 इलाहाबाद : प्रदेश में शैक्षिक ही नहीं अकादमिक पढ़ाई भी एक समान करने की पहल हो गई है। इससे शिक्षक तैयार करने के डिप्लोमा कोर्स के बाद अन्य अकादमिक पाठ्यक्रमों को एकरूप करने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
वैसे तो डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण को ही प्रवेश देने के निर्देश हैं लेकिन, अभी पाठ्यक्रम का सिर्फ नाम बदला गया है इसलिए नियम बीटीसी में दाखिले के ही लागू होंगे। यह
जरूर है कि आगे इसमें बदलाव संभावित है। सरकार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई पहले ही एक समान करने का संकेत कर चुकी है। यूपी बोर्ड में नये सत्र से एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी है। यह अमल में आते ही यूपी बोर्ड और सीबीएसई के विद्यालयों में एक जैसी पढ़ाई हो जाएगी। डिप्लोमा कोर्स लागू करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई लगातार दबाव बनाये थी। शासन की मंजूरी मिलते ही नये सत्र से यह लागू होगा।
डीएलएड में पढ़ाई बीटीसी जैसी : डीएलएड एक डिप्लोमा कोर्स है। इसको शिक्षण कौशल, शिक्षण पद्धति और विषय के अनुसार ज्ञान प्रशिक्षुओं को देने के लिए ही डिजाइन किया गया है। इस कोर्स की अवधि दो साल है। इसमें दाखिला पाने की न्यूनतम योग्यता योग्यता कम से कम 50 फीसद अंकों के साथ एक मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी संवर्ग में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना है। हालांकि बीटीसी में दाखिले के लिए स्नातक उत्तीर्ण होना जरूरी है। फिलहाल यहां बीटीसी के अनुसार ही दाखिला मिलेगा, क्योंकि परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने की अर्हता में स्नातक होना जरूरी है। परिषद को इंटर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को डीएलएड में दाखिला देने के लिए नियमावली में बदलाव करना होगा।

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