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हिमांशु राणा की पोस्ट के तीन प्रमुख आरोप का वर्णन: उनका जवाब संयुक्त सक्रिय टीम की ओर से

सभी पाठकों को मंगल प्रसाद संयुक्त सक्रिय टीम  का सादर नमस्कार
 शिक्षामित्र साथियों को राम राम
आप सबने हिमांशु राणा की पोस्ट पढ़ी होगी जिसमें बड़ी लूटनीतिकता का समावेश है यथा:-
अब तक शिक्षामित्रों को नौकरी से निकलवाने का दम्भ भरने वाला आज घुटनों के बल आ गया है ।
       अब हिमांशु की पोस्ट के तीन प्रमुख आरोप का वर्णन करता हूँ -
        १ शिक्षामित्र कार्यरत शिक्षक नहीं थे तो डी एल एड का प्रशिक्षण शिक्षामित्रों को रैसे दे दिया गया और दे भी दिया गया तो वैध कैसे ?
   जबाब
       २३/८/२०१० को कैटेगरी अॉफ टीचर डिफाइन करने की पॉवर सिर्फ राज्य सरकार के पास थी मतलब साफ राज्य जिसको कहेगा कि अमुक व्यक्ति कार्यरत शिक्षक है वही माना जायेगा स्वयं ncte ने यह सत्य कई बार आपके सामने परोसा है पर तुम हो कि चन्दा के चक्कर में कुछ मानने को तैयार ही नहीं ।

     २ अपेन्डिक्स ९ /२००९ में scert को दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण कराने वाली संस्थाओं की सूची में नहीं तो प्रशिक्षण कैसे सही?
 
   जबाब

      सबसे पहली बात हमारा प्रशिक्षण २००९ में नहीं  २०११ में शुरू हुआ तो आपकी अपेन्डिक्स ९ अॉफ २००९ से हमें क्या मतलब ।यदि हम एक क्षण को तुम्हारी बात मान लें तो आप समस्त याचीगणों को यह कैसे बताओगे कि scert को दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण कराने की पॉवर २०११ में नहीं थी आपकी याचिकाओं में लगी अपेडिक्स ९,  २००९ की है ।
चलो हम बताते हैं यद्यपि हमारे कई विज्ञ साथी इस प्रकरण पर पूर्व में प्रकाश डाल चुके हैं
      जनाब  अपेन्डिक्स जारी करता है ncte तथा  हमारे प्रशिक्षण की अनुमति देने के साथ ncte ने यह भी बता दिया था कि प्रशिक्षण कब कब कितने लोगों को कहाँ कहाँ कराना है
तो अपेन्डिक्स से तुम क्या करा पाओगे? Ncte ने सब सही किया
 वह भी नियमानुसार अब आप कहोगे कि नियम कौन सा ? 😃
        प्रशिक्षण संस्थानों के उद्देश्य से ncte के शिक्षक प्रशिक्षण व ncf के पाठ्यक्रम की व्यवस्था को संयुक्त रूप से शिक्षकों ( सनद रहे सिर्फ शिक्षकों वह भी कार्यरत) प्रशिक्षण की जिम्मेदारी ncfte के अधीन की गई जिसमें scert का अपना रोल निर्धारित है ।ऑर्डर के बाद कागज भी पोस्ट कर देंगे ।

        हिमांशु तुम केवल नेताओं से लड़कर जीत सकते थे पर सुप्रीम कोर्ट में आम शिक्षामित्र लड़ा है तुम मुगेरी लाल के सपने देखना और बेरोजगारों को  दिखाना बंद करो
        जब तुमने मेरी पोस्ट्स का जबाब दे नहीं पाया तो ब्लाक कर दिया कायदे में तुम्हारी पोस्ट का जबाब भी नहीं देना था पर हमारे कई साथी विचलित होकर फोन करने लगेंगे इसलिये जबाब लिख दिया
  ३सरी बात जो तुम टेट लगने की कहते हो तो हमें बुरा नहीं लगता बल्कि अच्छा लगता है क्योंकि तुम भी हकीकत समझ चुके हो कि क्या होने वाला है तो आप सफाई देने में जुट गये और कवरेज़ डिफेंस ले रहे हो जिसकी जिन्दा मिशाल है तुम्हारी आज की पोस्ट समझने वाले सब समझ चुके हैं मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मानवश कोई बड़ी बात नहीं लिखूँगा बस इतना कह रहा हूँ

   " राणा तुम्हें बड़ा शौक था डिबेट का ऑर्डर आने दो तुने जिस मुँह से कहा था कि शिक्षामित्र मरते हैं तो मरें तो आज पढ़कर जेहन में बिठा लेना ऑर्डर आने के बाद तुम डिबेट करने नहीं आओगे क्योंकि उस दिन डिबेट करने के लिए स्टूडियो में मैं बैठूँगा मेरी पुरानी पोस्ट पर गौर फरमाना हमने कहा था कि जहाँ से शुरू करोगे वहीं से हराऊँगा
           जय श्री राम
          जय शिक्षामित्र
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