एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : राजकीय इंटर कॉलेजों में सरप्लस शिक्षकों के समायोजन संबंधी माध्यमिक शिक्षा विभाग के आदेश को राजकीय शिक्षक संघ ने अघोषित आपातकाल बताया है। उनका कहना है कि स्कूलों में शिक्षकों के सरप्लस होने के आंकड़े भ्रामक हैं और इसके नाम पर गुमराह किया जा रहा है।
इसके खिलाफ संघ 25 जून को जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने मुंह पर पट्टी बांधकर धरना देगा।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय और प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि 2008 के बाद राजकीय इंटर कॉलेजों की संख्या बढ़कर 2100 हो गई है। वहीं 1999 के बाद राजकीय माध्यमिक स्कूलों में न शिक्षकों की भर्ती हुई है और न ही 2003 के बाद प्रिंसिपल के पदों पर प्रमोशन हुए हैं। स्कूलों में न प्रिंसिपल हैं और न ही चपरासी। संसाधनविहीन स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने से कतरा रहे हैं। ऐसे में बिना शिक्षक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे रहेगी। इन समस्याओं के समाधान के बजाय फर्जी ढंग से शिक्षकों को सरप्लस बताया जा रहा है। अगर सरकार 20 जून तक आदेश वापस नहीं लेती तो आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
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इसके खिलाफ संघ 25 जून को जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने मुंह पर पट्टी बांधकर धरना देगा।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय और प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि 2008 के बाद राजकीय इंटर कॉलेजों की संख्या बढ़कर 2100 हो गई है। वहीं 1999 के बाद राजकीय माध्यमिक स्कूलों में न शिक्षकों की भर्ती हुई है और न ही 2003 के बाद प्रिंसिपल के पदों पर प्रमोशन हुए हैं। स्कूलों में न प्रिंसिपल हैं और न ही चपरासी। संसाधनविहीन स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने से कतरा रहे हैं। ऐसे में बिना शिक्षक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे रहेगी। इन समस्याओं के समाधान के बजाय फर्जी ढंग से शिक्षकों को सरप्लस बताया जा रहा है। अगर सरकार 20 जून तक आदेश वापस नहीं लेती तो आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
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