आगरा। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेन्द्रनाथ पांडे ने शिक्षामित्रों को कभी खुश किया, तो कभी गम में डाल दिया। उन्होंने कहा- मैं तो इस मत का हूं कि शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिया जाए और काम करें।
सर्किट हाउस में मिले
कुछ शिक्षामित्र सर्किट हाउस में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेन्द्रनाथ पांडे को अपनी समस्या बताने पहुंचे थे। मंत्री से उनका परिचय भारतीय जनता पार्टी के नेता पुरुषोत्तम खंडेलवाल आदि ने कराया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षामित्र की नौकरी पर खतरा है। उन्हें टीईटी (टैट) में शामिल होने का मौका दिया गया। टैट पास होने पर वे शिक्षक बन सकते हैं। इससे समस्या और खड़ी हो गई है।
क्या कहा शिक्षामित्रों ने
शिक्षामित्रों ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समस्या आ गई है। जब तक हमारा समायोजन नहीं हो जाता है, तब तक जो वेतन मिल रहा है, वो मिल जाए। तभी दूसरे शिक्षामित्र ने कहा कि सारा समाधान हो जाएगा अगर अध्यादेश ले आएं। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एक राज्य का मामला है, इस पर कैसे ला सकते हैं। शिक्षामित्रों ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा आदि में भी यही समस्या है। मंत्री ने कहा कि केवल त्रिपुरा में ऐसा हुआ है, और कहीं नहीं।
प्रशिक्षण की बात कही
मंत्री ने टैट परीक्षा पास करने की बात कही, तो भाजपा नेता प्रशांत पौनिया ने कहा कि पेपर बहुत कठिन आता है। पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन पढ़ना छोड़े 15 साल हो गए हैं। प्रशांत पौनिया ने कहा कि बेसिक शिक्षा को यही चला रहे हैं। बिना इनके कुछ नहीं होना है। इस पर मंत्री ने कहा कि मेरी चले तो दो साल का कोर्स करा दो, प्रमाणपत्र दो और काम करने दो। इससे टैट वाले आ जाएंगे और ये भी आ जाएंगे। मंत्री बात सुनकर शिक्षामित्र मुस्करा उठे।
सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग
मंत्री ने स्वीकारा कि बनारस की सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षामित्रों का ख्याल रखने की बात कही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है, तो क्या करें। इस मौके पर नागेन्द्र दुबे गामा, डॉ. रामबाबू हरित, केशो मेहरा, सोनू चौधरी, हेमेन्द्र शर्मा, ललित चतुर्वेदी, संजय राय, बबलू लोधी आदि मौजूद थे।
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सर्किट हाउस में मिले
कुछ शिक्षामित्र सर्किट हाउस में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेन्द्रनाथ पांडे को अपनी समस्या बताने पहुंचे थे। मंत्री से उनका परिचय भारतीय जनता पार्टी के नेता पुरुषोत्तम खंडेलवाल आदि ने कराया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षामित्र की नौकरी पर खतरा है। उन्हें टीईटी (टैट) में शामिल होने का मौका दिया गया। टैट पास होने पर वे शिक्षक बन सकते हैं। इससे समस्या और खड़ी हो गई है।
क्या कहा शिक्षामित्रों ने
शिक्षामित्रों ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समस्या आ गई है। जब तक हमारा समायोजन नहीं हो जाता है, तब तक जो वेतन मिल रहा है, वो मिल जाए। तभी दूसरे शिक्षामित्र ने कहा कि सारा समाधान हो जाएगा अगर अध्यादेश ले आएं। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एक राज्य का मामला है, इस पर कैसे ला सकते हैं। शिक्षामित्रों ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा आदि में भी यही समस्या है। मंत्री ने कहा कि केवल त्रिपुरा में ऐसा हुआ है, और कहीं नहीं।
प्रशिक्षण की बात कही
मंत्री ने टैट परीक्षा पास करने की बात कही, तो भाजपा नेता प्रशांत पौनिया ने कहा कि पेपर बहुत कठिन आता है। पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन पढ़ना छोड़े 15 साल हो गए हैं। प्रशांत पौनिया ने कहा कि बेसिक शिक्षा को यही चला रहे हैं। बिना इनके कुछ नहीं होना है। इस पर मंत्री ने कहा कि मेरी चले तो दो साल का कोर्स करा दो, प्रमाणपत्र दो और काम करने दो। इससे टैट वाले आ जाएंगे और ये भी आ जाएंगे। मंत्री बात सुनकर शिक्षामित्र मुस्करा उठे।
सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग
मंत्री ने स्वीकारा कि बनारस की सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षामित्रों का ख्याल रखने की बात कही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है, तो क्या करें। इस मौके पर नागेन्द्र दुबे गामा, डॉ. रामबाबू हरित, केशो मेहरा, सोनू चौधरी, हेमेन्द्र शर्मा, ललित चतुर्वेदी, संजय राय, बबलू लोधी आदि मौजूद थे।
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