इलाहाबाद : यूपी बोर्ड में वैदिक गणित को फिर से अपनाने की पूरी हो गई
है। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में कक्षा 9 से 12 तक की
कक्षाओं के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार हुआ है। इसे आगामी अप्रैल
माह में नए शैक्षिक सत्र से ही लागू करने की तैयारी
है।
कार्यशाला का औपचारिक समापन मंगलवार को बोर्ड मुख्यालय पर होगा। 1ज्ञात
हो कि ‘दैनिक जागरण’ ने अक्टूबर माह में ही खबर दी थी कि ‘25 वर्ष बाद फिर
से यूपी बोर्ड में होगी वैदिक गणित की पढ़ाई’। इस पर अमल के लिए बोर्ड
मुख्यालय पर विशेषज्ञों की कार्यशाला हुई, जिसमें मैराथन चर्चा के बाद
चारों कक्षाओं 9, 10, 11 व 12 के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके
लिए किताब की जगह बुकलेट लागू होगी। यूपी बोर्ड वैदिक गणित को दूसरी बार
अपनाने जा रहा है। इसके पहले 1992 में कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल
में बोर्ड के पाठ्यक्रम में इसे जोड़ा गया। बाद की सरकारों ने इस पर चुप्पी
साध ली। ऐसे में 25 वर्ष बाद फिर पाठ्यक्रम पर नए सिरे से विचार हुआ।
वैदिक गणित को अपनाने की अहम वजह यह है कि छात्र-छात्रओं को गणित के सवाल
अन्य विषयों की अपेक्षा कठिन लगते हैं लेकिन, स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ ने
वैदिक गणित के ऐसे सूत्र तैयार किए हैं जिनका प्रयोग करके बिना पहाड़ा पढ़े
ही सवाल हल हो जाता है। वैदिक गणित की सात विधियों का प्रयोग करके जोड़,
घटाना, गुणा और भाग आसानी से हल किया जा सकता है। इस विधा का भरपूर लाभ
प्रतियोगी परीक्षाओं में उठाया जा सकता है। यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी का
पाठ्यक्रम भी नए शैक्षिक सत्र से लागू हो रहा है और उसकी वजह भी प्रतियोगी
परीक्षाएं ही हैं। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यालय पर
वैदिक गणित कार्यशाला मंगलवार को पूरी होगी। आठ दिनों में इसपर मंथन हुआ
है। बोर्ड ने कक्षा नौ से लेकर 12 तक का पाठ्यक्रम तैयार कराया है। इस विषय
की किताब बुकलेट की तरह होगी।’>>कार्यशाला में कक्षा 9 से लेकर 12
तक का पाठ्यक्रम तैयार 1’>>बोर्ड प्रशासन अप्रैल माह से ही लागू
कराने की करेगा पहल
sponsored links:
0 تعليقات