हाथरस-19 जनवरी। आदर्श समायोजित शिक्षक बैलफेयर एसो.
द्वारा प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र शाही के नेतृत्व में चलाई जा रही मुहिम के
अन्तर्गत अब तक लगभग उ.प्र. के 25 भाजपा के सांसदों ने देश के प्रधानमंत्री
व प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हाथरस जनपद के साथ उ.प्र. के 1 लाख
70 हजार शिक्षामित्रों व उनके परिवारों
का भविष्य सुरक्षित व संरक्षित
करने के सम्बन्ध में सहानुभूति पूर्वक विचारकर प्राथमिकता के आधार पर
समुचित कार्यवाही के आदेश पारित करने की मांग की है। पत्र लिखने वालों में
सांसद जगदम्बिका पाल, ब्रजभूषण शरण सिंह, हुकुम सिंह, राजेश कुमार दिवाकर,
हरीश द्विवेदी आदि प्रमुख हैं।
जिलाध्यक्ष ब्रजेश वशिष्ठ ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर
उन्होंने शिक्षामित्रों की चार सूत्रीय मांगों के सम्बन्ध में सांसद राजेश
कुमार दिवाकर से मुलाकात की। उन्होंने शिक्षामित्रों की मांगों को पूर्णतः
जायज बताते हुये गम्भीरता से लिया और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र
लिखे। श्री वशिष्ठ ने कहा है कि केन्द्र सरकार के अनिवार्य शिक्षा कानून
2009 की धारा 23 (2) में 10 अगस्त 2017 को किये गये संशोधन का लाभ,
अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों को दिये जाने के सम्बन्ध में संगठन की याचिका पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से जानकारी मांगी है। इसके
अन्तर्गत 31 मार्च 2015 तक कार्यरत गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण
प्राप्त करने के लिये 4 वर्ष की छूट दी जायेगी। कोर्ट ने सरकार से जानना
चाहा है कि इस छूट का लाभ शिक्षामित्रों को मिलेगा या नहीं। इससे
शिक्षामित्रों को संजीवनी मिलती नजर आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के
संशोधित कानून पर अपनाये गये रूख से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुये
शिक्षामित्रों को अगले चार वर्ष में पद की योग्यता हासिल करने का मौका मिल
सकता है। यह संशोधित कानून वर्ष 2017 में संसद से पास होकर लागू हो चुका
है। शिक्षामित्र कतई भ्रमित व गुमराह न हों इसका लाभ समस्त शिक्षामित्रों
को मिले इसके लिये संगठन पूर्ण रूप से प्रयासरत है।
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