अमेठी : जिले के परिषदीय स्कूलों में 1401 शिक्षामित्र सर्व शिक्षा अभियान
में और 373 बेसिक शिक्षामित्र शिक्षण कार्य में लगे हैं। वर्ष 2016 में
तत्कालीन सामाजवादी सरकार ने शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर
किया था, जिसके बाद उनको वेतन का लाभ दिया जा रहा था।
कोर्ट में मामला
विचाराधीन होने के चलते गत वर्ष 25 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने
शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। समायोजन रद्द होने के बाद से
सरकार ने साढ़े तीन हजार रुपये मानदेय को बढ़ाकर दस हजार कर दिया था। बढ़े
मानदेय का लाभ तो सर्व शिक्षा अभियान योजना में तैनात शिक्षामित्रों को
मिलने लगा था। किंतु बेसिक से तैनात शिक्षामित्रों को समायोजन रद्द होने के
बाद से एक भी महीने का मानदेय नहीं मिल सका है। पिछले अगस्त माह से मानदेय
न मिलने से बेसिक के 360 शिक्षामित्र भुखमरी के कगार पर हैं। शासन ने
बेसिक शिक्षामित्रों के सात माह के बकाया मानदेय के सापेक्ष महज एक माह का
मानदेय 36 लाख रुपये जारी किया है। जबकि, 360 शिक्षामित्रों के सात माह का
कुल बकाया लगभग दो करोड़ 52 लाख रुपये है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
राजकुमार पंडित ने बताया कि शासन द्वारा जारी धन के मुताबिक ही
शिक्षामित्रों का भुगतान किया जा रहा है। शेष भुगतान धनराशि मिलने पर की
जाएगी।
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