जासं, मेरठ : उप्र पुलिस कांस्टेबल भर्ती का सॉल्वर गैंग प्रकरण अभी
सुर्खियों में ही है कि अब एसआइ भर्ती में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है।
नाप- तौल और दस्तावेजों की जांच कराने पहुंचे चार युवकों के फिंगर प्रिंट
और फोटो मैच नहीं हुए। आशंका है कि उनकी किसी दूसरे ने मोटी रकम लेकर
परीक्षा दी थी।
1छह माह पूर्व उप्र पुलिस के एसआइ पद के लिए प्रदेश के
विभिन्न जिलों में परीक्षा हुई थी। 22 जून से मेरठ पुलिस लाइन में नापतौल
और दस्तावेजों की जांच चल रही है। रविवार को तीसरे दिन जांच के लिए 200
अभ्यर्थी बुलाए गए थे, जिनमें से 169 उपस्थित हुए। चार अभ्यर्थी लंबाई कम
होने के कारण बाहर हो गए। एक अभ्यर्थी दस्तावेजों में कमी के कारण फेल हो
गया। चार युवकों के फोटो और फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए, इनमें दो शनिवार व
दो रविवार को पकड़े गए। भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी ट्रैफिक एसपी
संजीव कुमार वाजपेयी ने चारों आरोपितों को क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया।
परीक्षा के समय दिए गए अभिलेखों की भी जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल
चारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। 1आशंका है कि उनकी किसी दूसरे ने
मोटी रकम लेकर परीक्षा दी होगी। नोडल अधिकारी ने बताया कि दो आरोपित बागपत
के हैं, जबकि दो बड़ौत के हैं। चारों आरोपितों के घर से लेकर कालेज तक
जांच कराई जाएगी। उनके मोबाइल की सीडीआर भी निकलवाई जाएगी। उनकी रिपोर्ट
भर्ती बोर्ड को भेजी जाएगी। यदि वह दोषी पाए जाते हैं तो सलाखों के पीछे
भिजवा दिया जाएगा।
0 تعليقات