उन्नाव। प्रदेश में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 126 अभ्यर्थियों की
काउंसलिंग में दस अभ्यर्थी गैर जिले के थे। शासन से आदेश के बाद बीएलएड
डिग्रीधारक शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच में तीन शिक्षकों के
शैक्षिक अभिलेखों में फर्जीवाड़ा मिला है। बीएसए ने तीनों शिक्षकों को
नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से बीएलएड
कर 12460 शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापक बने शिक्षकों के शैक्षिक
अभिलेखों में फर्जीवाड़ा की जांच शासन व शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय
अधिकारी कर रहे हैं। तीन शिक्षकों के टीईटी, अंकपत्र व बीएलएड प्रमाण पत्र
फर्जी होने का दावा किया था। मंगलवार को बीएसए ने इस पर मुहर लगा दी है।
तीनों अभ्यर्थियों ने जिन विश्वविद्यालयों की बीएलएड प्रमाण पत्र लगाए हैं।
वहां के प्राचार्यों ने प्रमाण पत्रों को फर्जी करार दिया है।
बीएसए
बीके शर्मा ने बताया कि अब तक की जांच में बलिया के मठसैन निवासी नरेंद्र
पाल यदुवंशी, इसी जिले के जिगनी गांव निवासी रमेशचंद्र व गाजियाबाद के
शिवपार्क खौड़ा निवासी कन्हैया के शैक्षिक अभिलेखों में फर्जीवाड़ा की
पुष्टि हो गई है। रमेश चंद्र व कन्हैया ने मेरठ के एस्ट्रोन कालेज आफ
एजूकेशन ने बीएलएड का अंकपत्र लगाया है। जबकि यहां बीएलएड कोर्स ही नहीं
है।
वहीं नरेंद्र पाल यदुवंशी ने एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश
संस्थान की बीएलएड अंक तालिका लगाई है। संस्थान के परीक्षा नियंत्रक ने
नरेंद्र के पंजीकरण से ही इनकार किया है। बीएसए ने बताया कि तीनों
अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। आगे की कार्रवाई शासन
के दिशा निर्देशों के तहत की जाएगी।
- काउंसलिंग कराने वाले गैर जनपद के दस शिक्षक हैं रडार पर
- फर्जी पाए गए तीन शिक्षकों में से दो बलिया और एक नोएडा का
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