इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2010
परीक्षा में गणित के संशोधित परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति
देने का निर्देश दिया है।
यह भी कहा है कि संशोधित परिणाम से जो अभ्यर्थी
चयन सूची से बाहर हो गए हैं लेकिन, पूर्व के चयन के आधार पर नौकरी कर रहे
हैं उनको सेवा से निकाला नहीं जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि चयनित अध्यापकों
के लिए पद नहीं है तो मैनेजमेंट के विद्यालयों में अलग से पद सृजित किए
जाएं। कोर्ट ने तीन माह में नियुक्ति देने का आदेश दिया है।1यह आदेश
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने अनिल कुमार पटेल और कई अन्य की याचिकाओं पर
सुनवाई करते हुए दिया। याची के अधिवक्ता ने बताया कि टीजीटी गणित के कुछ
प्रश्नों को लेकर आपत्ति दाखिल की गई थी। कोर्ट के आदेश पर विशेषज्ञ की राय
ली गई। विशेषज्ञ की राय में आपत्ति सही पाई गई। इस पर माध्यमिक शिक्षा
सेवा चयन बोर्ड ने परिणाम संशोधित कर दिया जिसमें पूर्व में चयनित कई
अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए। बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के
फैसले को विशेष अपील में चुनौती दी थी।1 खंडपीठ ने एकल पीठ का आदेश रद कर
मामला फिर से सुनवाई के लिए वापस भेज दिया।एकल पीठ ने इस परिप्रेक्ष्य में
कहा है कि याचीगण को मूल चयन सूची जारी होने की तारीख से नियमित नियुक्ति
दी जाए लेकिन, वे पूर्व की तारीख से वेतन नहीं पाएंगे। इसी प्रकार से
संशोधित परिणाम में चयन सूची से बाहर हुए अभ्यर्थियों को भी चयनित किया
जाए। यह परीक्षा कुल पद 579 पदों पर चयन के लिए हुई थी।
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