राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की लिखित
परीक्षा में प्रश्नपत्र में गड़बड़ी होने का खामियाजा विशेषज्ञों या
प्रिंटिंग प्रेस (गलती पाए जाने पर) को भुगतना पड़ सकता है।
अभ्यर्थियों की
ओर से आपत्तियां आने और उसका पुनरीक्षण करने पर यदि शिकायतों का ठोस आधार
मिला तो इसकी जिम्मेदारी सीधे प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञ की तय
होगी। उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग यानी यूपीएचईएससी ने परीक्षा के
तीनों चरण पूरे होने के बाद इस पर कोई निर्णय लेने की बात कही है।
यूपीएचईएससी ने विज्ञापन संख्या 47 के तहत पहले चरण की लिखित
परीक्षा 15 दिसंबर को प्रयागराज में कराई थी। इसमें संस्कृत विषय में तीन
प्रश्नों के उत्तर विकल्प न होने, सामान्य अध्ययन वाले भाग के प्रश्नों में
कंप्यूटर ज्ञान व पर्यावरण विज्ञान से संबंधित प्रश्न न होने की शिकायतें
अभ्यर्थियों की ओर से रहीं। अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्तियां भी तैयार कर ली
हैं लेकिन, उसे देने के लिए परीक्षा पूरी होने का इंतजार किया जा रहा है,
जबकि पहली ही लिखित परीक्षा में यूपीएचईएससी के कदम मजबूती से न पड़ने के
चलते किरकिरी भी हो रही है, जबकि यूपीएचईएससी ने इस गड़बड़ी पर बचाव की
मुद्रा में है।
सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि शिकायतें अभी तक चर्चा में
हैं। बुकलेट पहली बार अभ्यर्थियों ने ही देखी। जबकि इसे बनाने वाले
विशेषज्ञ हैं। यूपीएचईएससी इस पर कोई निर्णय भी तभी लेगा जब आपत्तियों के
ठोस आधार मिलेंगे। इसके बाद पुनरीक्षण में देखा जाएगा कि गलती हुई तो इसका
जिम्मेदार कौन है।