नियमावली बदले तो खुले नई शिक्षक भर्तियों का रास्ता, शिक्षक चयन लिखित परीक्षा के ही माध्यम होना तय

प्रयागराज : प्रदेश सरकार संस्कृत कालेज व मदरसों में पढ़ाई कराने पर गंभीर है। इसीलिए पाठ्यक्रम में बदलाव हो रहा है, साथ ही शिक्षक चयन की प्रक्रिया में भी बदल रही है।
राजकीय व अशासकीय कालेजों की तर्ज पर संस्कृत माध्यमिक कालेजों में शिक्षक चयन लिखित परीक्षा के ही माध्यम से होना है। इस संबंध में निर्देश जारी हो चुका है लेकिन, अब तक नियमावली संशोधन का प्रकरण लंबित है इससे भर्तियों की तस्वीर साफ नहीं है।
संस्कृत माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित सहायता प्राप्त प्रथमा व मध्यमा और उत्तर मध्यमा पाठशालाओं के प्रधानाध्यापक व अन्य अध्यापकों का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से होना है। शासन ने अप्रैल में आदेश जारी किया है कि यह चयन प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र कराएगा। उस समय कहा था कि यदि नियमावली में संशोधन की जरूरत है तो उसका प्रस्ताव भेजा जाए। शिक्षा निदेशालय की मानें तो शासन को नियमावली संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। उस पर मुहर लगने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। शिक्षा निदेशालय ने संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों से रिक्त पदों का ब्योरा भी तलब किया है, इसमें करीब दो हजार से अधिक पद खाली बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अब नए साल में ही यह प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। पहले यह कार्य जिला विद्यालय निरीक्षक व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से होते रहे हैं, अब उनका कार्य सिर्फ अधियाचन भेजना रह गया है। चयन बोर्ड में भी इन दिनों अशासकीय माध्यमिक कालेजों की चयन प्रक्रिया चल रही है। साथ ही 2016 की लिखित परीक्षा भी अगले साल प्रस्तावित है। परीक्षा के लिए केंद्र तय होने का कार्य चल रहा है। इस परीक्षा के बाद ही संस्कृत कालेजों की बारी आने की उम्मीद है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक मंजू शर्मा का कहना है कि संस्कृत कालेजों में शिक्षक चयन के लिए नियमावली संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।