लखनऊ उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए हुई 6 जनवरी की परीक्षा परिणामों को घोषित करने पर 28 जनवरी तक रोक रहेगी।
सोमवार को लगभग दो घंटे चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है। 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हो गयी। जिसके बाद सरकार ने नियमों में परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय सिद्धांत है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ एलपी मिश्रा , एचजीएस परिहार , उपेंद्र मिश्रा आदि हाजिर हुए जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।
सोमवार को लगभग दो घंटे चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
- 60/65 वाले परेशान ना हों , L p मिश्रा के आग्रह पर अगली डेट तक स्टे extend
- शिक्षामित्रों ने लिया चैन की सांस 45-45 होने की आस जगी -रिजवान अंसारी
- परीक्षा परिणामों को घोषित करने पर 28 जनवरी तक रोक , फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश
- 69000 शिक्षक भर्ती रिजल्ट पर रोक, 28 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
- 68500 शिक्षक भर्ती मामले में 30/33 कट ऑफ केस भी 29 जनवरी को लगा
- कोर्ट-अपडेट: लखनऊ खंडपीठ सुनवाई समाप्त: 69000 शिक्षक भर्ती अगली सुनवाई 28 जनवरी,3 दिन में काउंटर फ़ाइल करे सरकार
- कट ऑफ मामला प्रयागराज में प्रकाश पड़िया जी ने केस को लखनऊ के आर्डर के बाद लंच के बाद लगाया। अब सब कुछ लखनऊ पर
- 69000 शिक्षक भर्ती 90/97 पासिंग मार्क्स मामले की सुनवाई हाई कोर्ट लखनऊ में शुरू हो गई है ।wait for next update.......
याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है। 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हो गयी। जिसके बाद सरकार ने नियमों में परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय सिद्धांत है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ एलपी मिश्रा , एचजीएस परिहार , उपेंद्र मिश्रा आदि हाजिर हुए जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।