मित्रों, जैसा कि दिनांक - 04 जनवरी को भारत सरकार ने त्रिपुरा के पीड़ित अस्थायी संविदा शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पश्चात छूट दे करके उनका भविष्य सुरक्षित कर दिया है,
उक्त के क्रम में यदि लगातार यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों की तरफ से योगी सरकार पर दबाव बनाया जाए तो, यह शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं कि त्रिपुरा की भांति यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों के लिए भी योग्यता में,
भारत सरकार न्यूनतम अर्हता में छूट दे करके लोक सभा चुनाव के पूर्व ही भविष्य सुरक्षित कर सकती है, स्मरण हो कि बहन उमा दीदी जी के लखनऊ के इको गार्डन में दिनांक -18 जनवरी को आने के लिए न्योता दिया गया है, यदि हम सभी उक्त स्थल पर पहुंच करके त्रिपुरा की भांति अधिसूचना जारी करने के लिए आंदोलन करें तो शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं कि दबाव में आने पर भारत सरकार व योगी सरकार यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों के लिए भी अधिसूचना जारी करने के लिए विवश हो सकती हैं.
अत: लोक सभा चुनाव नजदीक है और लोहा बिल्कुल गर्म है, केवल जोरदार प्रहार करना है, सफलता आपके कदम चूमने के लिए लालायित हो जाएगी.
उक्त के क्रम में यदि लगातार यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों की तरफ से योगी सरकार पर दबाव बनाया जाए तो, यह शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं कि त्रिपुरा की भांति यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों के लिए भी योग्यता में,
भारत सरकार न्यूनतम अर्हता में छूट दे करके लोक सभा चुनाव के पूर्व ही भविष्य सुरक्षित कर सकती है, स्मरण हो कि बहन उमा दीदी जी के लखनऊ के इको गार्डन में दिनांक -18 जनवरी को आने के लिए न्योता दिया गया है, यदि हम सभी उक्त स्थल पर पहुंच करके त्रिपुरा की भांति अधिसूचना जारी करने के लिए आंदोलन करें तो शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं कि दबाव में आने पर भारत सरकार व योगी सरकार यूपी के पौने दो लाख पीड़ित शिक्षामित्रों के लिए भी अधिसूचना जारी करने के लिए विवश हो सकती हैं.
अत: लोक सभा चुनाव नजदीक है और लोहा बिल्कुल गर्म है, केवल जोरदार प्रहार करना है, सफलता आपके कदम चूमने के लिए लालायित हो जाएगी.