अब योगी सरकार से आचार संहिता लगने के पूर्व आम पीड़ित शिक्षामित्रों को बहुत बड़ी अपेक्षाएं

जैसा कि लोक सभा चुनाव हेतु आचार संहिता मार्च के प्रथम सप्ताह में कभी भी लग सकती हैं, उक्त परिस्थिति में यूपी का पीड़ित शिक्षामित्र, योगी सरकार से बहुत बड़ी अपेक्षाएं लगा रखी है, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी अभी तक अपना पत्ता नहीं खोलें है कि हम लोक सभा चुनाव के पूर्व पीड़ित शिक्षामित्रों के भविष्य के साथ, क्या करना चाह रहे हैं?

लगभग 40,000/- टीईटी पास शिक्षामित्रों को 69000/- शिक्षक भर्ती में शिक्षक बनने की बहुत बड़ी अपेक्षाएं लगा रखी है लेकिन उक्त भर्ती में टीईटी पास शिक्षामित्रों के प्रति योगी सरकार की भृकुटी टेड़ होने के कारण उक्त योग्य समूह कोर्ट कचहरी में फंसते विवाद में पीड़ित है, माना कि चौहान जी का आदेश पासिंग मार्क को लेकर शून्य कट आफ लगने के लिए आ भी जाता है तो यह निरकुंश योगी सरकार उक्त आदेश को आसानी पूर्वक नहीं मानेगी, और डबल बेंच में जरुर वाद करेगी, ऐसी स्थिति में उक्त विवाद सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकता है
बहरहाल अफसोस इस बात का हैं कि यूपी में पौने दो लाख शिक्षामित्रों का विशाल समूह, आज की डेट में कई गुटों में बटने के कारण लगभग पतन के कगार पर पहुँच चुका है, स्मरण हो कि बहन उमा देवी जी ने दिनांक - 20 फरवरी को लखनऊ में विधान सभा का घेराव करने के लिए आह्वान की थी, उसका हश्र यह हुआ कि एक हजार तक संख्या न पहुँचने के कारण, उक्त आंदोलन को योगी सरकार की पुलिस बल ने अपनी लाठियों से कुचल दिया था, इस समय आम पीड़ित शिक्षामित्र अपने भविष्य को लेकर बेशक चिंतित व परेशान है लेकिन नेता नगरी अपनी नेतागिरी चमकाने में मस्त है,इसी  का परिणाम है कि रोज कोई न कोई आम पीड़ित शिक्षामित्र, काल के गाल में समाता चला जा रहा है