69000 शिक्षक भर्ती को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय पर बड़ा प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस मामले की हाईकोर्ट में दमदार पैरवी नहीं कर रही है। वहीं महाधिवक्ता भी तारीख पर नहीं पहुंच रहे।
अभ्यर्थियों ने मांग की है कि जल्द ही शिक्षक भर्ती को पूरा किया जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी लेकिन अभी तक भर्ती का परिणाम जारी नहीं हुआ। हाईकोर्ट की डबल बेंच मामला सुन रही है लेकिन पैरवी न हो पाने के कारण कोई निर्णय नहीं आ रहा है। प्रदर्शन में कई जिलों के अभ्यर्थी शामिल हुए। प्रशासन को पीएसी बल तैनात करना पड़ा। प्राइमरी स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती की परीक्षा में 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे लेकिन परीक्षा के बाद कट ऑफ को लेकर मामला फंस गया है। परीक्षा के पहले अर्हता अंकों का कोई जिक्र शासनादेश में नहीं था लेकिन परीक्षा के बाद उत्तीर्ण प्रतिशत 60/65 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद ही विवाद शुरू हुआ। इस पर शिक्षामित्र और बीटीसी/ बीएड अभ्यर्थी दो धड़े में बंट गए। शिक्षामित्रों ने 7 जनवरी के कटऑफ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जबकि बीटीसी/ बीएड कटऑफ के समर्थन में है।
अभ्यर्थियों ने मांग की है कि जल्द ही शिक्षक भर्ती को पूरा किया जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी लेकिन अभी तक भर्ती का परिणाम जारी नहीं हुआ। हाईकोर्ट की डबल बेंच मामला सुन रही है लेकिन पैरवी न हो पाने के कारण कोई निर्णय नहीं आ रहा है। प्रदर्शन में कई जिलों के अभ्यर्थी शामिल हुए। प्रशासन को पीएसी बल तैनात करना पड़ा। प्राइमरी स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती की परीक्षा में 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे लेकिन परीक्षा के बाद कट ऑफ को लेकर मामला फंस गया है। परीक्षा के पहले अर्हता अंकों का कोई जिक्र शासनादेश में नहीं था लेकिन परीक्षा के बाद उत्तीर्ण प्रतिशत 60/65 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद ही विवाद शुरू हुआ। इस पर शिक्षामित्र और बीटीसी/ बीएड अभ्यर्थी दो धड़े में बंट गए। शिक्षामित्रों ने 7 जनवरी के कटऑफ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जबकि बीटीसी/ बीएड कटऑफ के समर्थन में है।