जैसा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने अपने घोषणा में दिनांक - 25 अक्टूबर को कहा था कि अगले सत्र में आंगनबाड़ी केंद्र प्री प्राइमरी में परिवर्तित होगें? यदि बाबा जी इसे भी वास्तविक रूप से जमीन पर क्रियान्वयन करने के लिए नीति बनायेगे तो, इसके अलग से नियमावली बनानी होगी, अन्यथा कि स्थिति में उक्त प्रक्रिया
विवादों में फंस सकती हैं, क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पीड़ित शिक्षामित्रो व NTT व CT पास बेरोजगारों का आपसी टकराव होना सुनिश्चित है, एक तरफ जहाँ आंगनबाड़ी केंद्र आंगनबाड़ियों के द्वारा अभी संचालन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट की आड़ में पीड़ित शिक्षामित्रो का भविष्य सुरक्षित करने के बजाय उनका निरन्तर विगत 2.5 वर्षों से शोषण किया जा रहा और एक और बेरोजगारों का बड़ा वर्ग जो NTT व CT करके अपनी नियुक्ति हेतु कोर्ट कचहरी में लड़ रहे हैं.
फिलहाल हाल अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि माननीय योगी जी प्री प्राइमरी योजना लाते हैं या केवल जुमला बन कर रह जाएगा, माना इसे क्रियान्वयन करने के लिए सोचते भी हैं तो बिना वैधानिक रूप से बनी हुई नियमावली के केवल विवादित बनना तय है?
फिलहाल हाल अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि माननीय योगी जी प्री प्राइमरी योजना लाते हैं या केवल जुमला बन कर रह जाएगा, माना इसे क्रियान्वयन करने के लिए सोचते भी हैं तो बिना वैधानिक रूप से बनी हुई नियमावली के केवल विवादित बनना तय है?